संघटक :- भोजन बनाने के लिए हमें कई चीजों की आवश्यकता पड़ती है जिसे संघटक कहते है।
जैसे :- कच्ची सब्जियां , नमक , मसाला , तेल आदि।
खाद्य पदार्थों के स्रोत :- जिन-जिन चीजों से हम अपना भोजन प्राप्त करते हैं उन्हें ही खाद्य पदार्थों का स्रोत कहते है।
1. पौधे :- गेंहू , धान , दाल , सब्जी , तथा फल आदि।
2. जंतुओं :- दूध , अंडा , माँस , घी , दही तथा पनीर आदि।
भोजन के रूप :– पौधे हमारे भोजन का एक मुख्य स्रोत है।
खाने योग्य भाग :- कुछ पौधों के दो या दो से अधिक भाग खाने योग्य होते है।
तना , जड़ ,फल , पत्ता ,फूल आदि ।जैसे :-
1.आलु का तना खाया जाता है।
2. मूली का जड़ खाया जाता है।
3.लौकी का फल खाया जाता है।
4.पालक का पत्ता खाया जाता है।
5. सीताफल के फूल पकौड़े बनाए जाते है।
अंकुरण :- बीज से शिशु पौधें का उगाना अंकुरण कहलाता है।
अंकुरित :- अंकुर बीजों से एक सफेद रंग की धागे जैसी संरचना निकलती है जिसे अंकुरित कहते है।
मकरंद :- मधुमक्खियों द्वारा इकट्ठा की गई फूलों से मकरंद ( मीठे रस ) एकत्रित करके छत्ते में भंडारित करती है जो बाद में शहद बन जाती है।
मधुमक्खियों द्वारा भंडारित भोजन का शहद के रूप में उपयोग करते हैं।
खाद्य स्रोत के आधार जंतुओं को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है।
1. शाकाहारी :- जो जंतु केवल पादप खाते हैं। जैसे – हिरण , गाय , बकरी , खरगोश आदि।
2. मांसाहारी :- जो जंतु केवल जंतुओं को ही खाते हैं। जैसे – शेर , बाघ , लोमड़ी , आदि।
3. सर्वाहारी :- जो जंतु पादप और दूसरे प्राणी , दोनों को ही खाते हैं। मनुष्य , कौआ , कुत्ता आदि।
हमारे भोजन के मुख्य स्रोत पौधे तथा जंतु हैं।
भारत में विभिन्न प्रदेशों में पाए जाने वाले भोजन में बहुत अधिक विविधता है।