फ्रांसीसी क्रांति यूरोप में राष्ट्रवाद क्रांतियों का युग जर्मनी और इटली के निर्माण राष्ट्र का दृश्य-कल्पना राष्ट्रवाद और साम्राज्यवाद
राष्ट्रवाद क्या है?
राष्ट्रवाद होता है कि जो विचारधारा किसी भी राष्ट्र के सदस्यों में एक साझा पहचान को बढ़ावा देती है उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। राष्ट्रवाद की भावनाओं की जड़ें जमाने के लिए कई प्रतीकों का सहारा लिया जाता है; जैसे राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रगान, आदि।
★ यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय :-
आज के यूरोपीय राष्ट्रों की बजाय उन्नीसवीं सदी के मध्य तक यूरोप कई क्षेत्रों में बँटा हुआ था जिन पर अलग-अलग वंश के लोगों का शासन हुआ करता था। उस जमाने में राजतंत्र का बोलबाला था। लेकिन उस जमाने में कुछ ऐसे तकनीकी बदलाव हुए जिनके परिणामस्वरूप समाज में गजब के परिवर्तन हुए। उन्हीं परिवर्तनों से लोगों में राष्ट्रवाद की भावना का जन्म हुआ।
★ फ्रांसीसी क्रांति :-
राष्ट्रवाद की पहली अभिव्यक्ति: फ्रांस वह देश था जहाँ राष्ट्रवाद की पहली अभिव्यक्ति हुई। फ्रांसीसी क्रांति के परिणामस्वरूप फ्रांस की राजनीति और संविधान में कई बदलाव हुए। सन 1789 में सत्ता राजतंत्र से प्रजातांत्रिक संस्था के हाथों में चली गई। इस प्रजातांत्रिक संस्था का गठन नागरिकों द्वारा हुआ था। उस घटना से लोगों को लगने लगा कि आगे से फ्रांस के लोग अपने देश का भविष्य स्वयं तय करेंगे।
◆ राष्ट्रवाद के उदय के कारण :-
● निरंकुश शासन व्यवस्था
● उदारवादी विचारों का प्रसार
● शिक्षित मध्य वर्ग की भूमिका
● स्वतंत्रता , समानता तथा बंधुत्व का नारा।
◆ यूरोप में राष्ट्रवाद का क्रमिक विकास :-
● 1789 – फ्रांसीसी क्रांति
● 1804 – नागरिक संहिता
● 1815 – वियना की संधि
● 1848 – उदारवादियों की क्रांति
● 1866-1871 – जर्मनी का एकीकरण
● 1859-1871- इटली के एकीकरण
★ फ्रंसीसी क्रांति एवं राष्ट्रवाद :-
● संविधान आधरित शासन
● नेशनल असेंबली का गठन
● नया फ्रांसीसी तिरंगा झंडा
● समानता , स्वतंत्रता , बंधुत्व जैसे विचार
● फ्रेंच को राष्ट्र की साझा भाषा बनाया गया।
● आंतरिक आयात- निर्यात शुल्क समाप्त एवं माप-तौल की एक समान व्यवस्था।
★ 1804 की नागरिक संहिता :-
● प्रशासनिक विभाजनों को सरल बनाया ।
● सामंती व्यवस्था को समाप्त किया गया।
● जन्म पर आधरित विशेषाधिकारों की समाप्ति।
● किसानों के भू-दासत्व और जागीरदारी शुल्कों से मुक्ति।
● शहरों में करीगरों के श्रेणि संघो के नियंत्रणों को हटा दिया गया ।
● कानून के सामने समानता एवं संपत्ति को अधिकार को सुरक्षित किया गया।
★ उदारवादी राष्ट्रवाद राजनीतिक क्षेत्र में :-
● सहमति पर आधारित सरकार
● संविधान पर आधारित शासन
● विशेषाधिकारों का अंत
● कानून के समक्ष समानता
● मताधिकार का समर्थन लेकिन सबके लिए नही।
★ उदारवादी राष्ट्रवाद आर्थिक क्षेत्र में :-
● मुक्त बाजार
● वस्तुओं एवं सेवाओं पर प्रतिबंधो से मुक्ति
★ 1815 के उपरांत यूरोप में रूढ़िवाद :-
● 1815 में नेपोलियन की हार के उपरांत यूरोप की सरकारों का झुकाव पुनः रूढ़िवाद की तरफ बढ़ गया।
● अपनी राजनीतिक विचारधारा के अनुरूप रूढ़िवादियों ने स्थापित संस्थाओं , रीति-रिवाजों , परंपराओं को मान्यता दी एवं तीव्र परिवर्तन के स्थान पर क्रमिक विकास पर जोर दिया।
● इस परिप्रेक्ष्य में , एक शिखर सम्मेलन ( जिसे कांग्रेस कहा गया ) का आयोजन वियना में किया गया।
● इस कांग्रेस का आयोजन आसिट्रयन चांसलर ड्यूक मेटरनिख ने किया।
★1815 की वियना संधि की विशेषताएँ :-
● फ्रांस में बुर्बों राजवंश की पुनर्स्थापना की।
● फ़्रांस की सीमा विस्तार पर रोकने के लिए नए राज्यों की स्थापना की।
● इसका मुख्य उद्देश्य यूरोप में एक नई रूढ़िवादी व्यवस्था कायम करना था।
● फ़्रांस ने उन इलाकों पर से आधिपत्य खो दिया जो उसने नेपोलियन के समय जीते थे।
★ जर्मनी का एकीकरण :- 1866-1871
● एकीकरण प्रशा के नेतृत्व में हुआ।
● प्रशा के प्रमुख मंत्री ऑटो-वन बिस्मार्क ने राष्ट्र निर्माण में मुख्य भूमिका अदा की।
● नए जर्मन राज्य में , मुद्रा , बैंकिग एवं न्यायिक व्यवस्थओं के आधुनिकीकरण पर जोर दीया गया।
● 1871 में केसर विकियम प्रथम को नए साम्राज्य का राजा घोषित किया गया
● जर्मनी के एकीकरण ने यूरोप में प्रशा को महाशक्ति के रुप मे स्थापित किया।
● सात वर्ष के दौरान ऑस्टिया , डेनमार्क और फ़्रांस से तीन युद्धों में प्रशा की जीत हुई और एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई।
★ इटली के एकीकरण :-
● इटली सात राज्यों में बंटा हुआ था।
● 1830 के दशक में ज्युसेपे मेसितनी ने इटली के एकीकरण के लिए कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
● 1830 एवं 1848 के क्रांतिकारी विद्रोह असफल हुए।
● 1859 में फ़्रांस से सार्डिनिया – पीडमॉन्ट ने एक चतुर कूटनीतिक संधि की जिसके माध्यम से उसने आस्ट्रियाई बलों को हरा दिया।
● 1861 में इमेनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली का राजा घोषित किया गया।
★ ब्रिटेन में राष्ट्रवाद :-
● 1688 में संसद ने राजतंत्र से शक्तियों को ले लिया।
● 1707 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड को मिलाकर यूनाइटेड किंगडम ऑफ ब्रिटेन का गठन किया गया।
● 1798 में हुए असफल विद्रोह के बाद
● 1801 में आयरलैंड को बलपूर्वक यूनाइटेड किंगडम म3 शामिल कर लिया गया।
● आंग्ल-राष्ट्र ने अपनी शक्ति में विस्तार के साथ-साथ अन्य राष्ट्रों व द्विप समूहों पर विस्तार आरंभ किया।
● 18 वी शताब्दी से पूर्व ब्रिटेन एक राष्ट्र-राज्य नही था।
● राष्ट्रवाद किसी उथल-पुथल या क्रांति का परिणाम नही अपितु एक लंबी चलने वाली प्रक्रिया का परिणाम था।
★ राष्ट्रवाद के उदय में महिलाओं का योगदान :-
● राजनैतिक संगठन का निर्माण
● समाचार पत्रों का प्रकाशन
● मताधिकार प्राप्ति हेतु संघर्ष
★ नेपोलियन :-
● नेपोलियन 1804 से 1815 के बीच फ्रांस का राजा था। अपने दुस्साहसी कदमों के कारण नेपोलियन ने इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी।
● उसने फ्रांस में प्रजातंत्र को बरबाद कर दिया और फिर से वहाँ राजतंत्र की स्थापना की। लेकिन उसने कई ऐसे सुधारवादी कदम उठाये जिसके दूरगामी परिणाम हुए।
● नेपोलियन ने 1804 में सिविल कोड लागू किया, जिसे नेपोलियन कोड भी कहा जाता है। इस नये सिविल कोड से जन्म के आधार पर मिलने वाली हर सुविधा समाप्त हो गई।
● हर नागरिक को समान दर्जा मिला और संपत्ति के अधिकार को पुख्ता किया गया। नेपोलियन ने फ्रांस की तरह अपने नियंत्रण वाले हर इलाके में प्राशासनिक सुधार को अंजाम दिया।
● उसने सामंती व्यवस्था को खत्म किया, जिससे किसानों को दासता और जागीर को दिये जाने वाले शुल्कों से मुक्त किया गया। शहरों में प्रचलित शिल्प मंडलियों द्वारा लगाई गई पाबंदियों को भी समाप्त किया गया।
● यातायात और संचार के साधनों में सुधार किए गये।
★ यूरोप के अन्य भागों पर प्रभाव :-
● फ्रांस में होने वाली गतिविधियों से यूरोप के कई शहर प्रभावित हुए।
● इन शहरों में शिक्षित मध्यवर्ग के लोगों और छात्रों ने जैकोबिन क्लब बनाना शुरु किया।
● इन क्लबों की गतिविधियों के कारण फ्रांस की सेना द्वारा घुसपैठ का रास्ता साफ हुआ।
● इसी का नतीजा था कि 1790 के दशक में फ्रांस की सेना ने हॉलैंड, बेल्जियम, स्विट्जरलैंड और इटली के एक बड़े हिस्से में घुसपैठ कर ली थी।
● इस तरह फ्रांसीसी सेना द्वारा अन्य देशों में राष्ट्रवाद का प्रचार करने का काम शुरु हुआ।
★ ड्यूक मेटरनिख :-
● जन्म 15 मई 1973 को हुआ
● वे आस्ट्रिया के चांसलर थे
● 1814 से 1848 तक के काल में इन्होंने यूरोप की राजनीति में महत्वपुर्ण भूमिका निभाई
● यूरोप के राजनीतिक हालातों पर टिप्पणी करते हुए इन्होंने कहा था कि ” यदि फ़्रांस छींकता है तो पूरे यूरोप को जुखाम हो जाता है। “
● वियना संधि में इनका महत्वपूर्ण भूमिका थी नेपोलियन युद्ध के उपरांत यूरोप की पुनर्रचना एवं पुराने राजतंत्र ( रूढ़िवादी तंत्र) की पुनर्स्थापना में सक्रिय भूमिका निभाई।
★ ज्युसेपी मेटिसनी :-
● इनका जन्म 1807 में जेनोआ में हुआ
● कुछ समय पश्चात वह कर्बोनारी में गुप्त संगठन के सदस्य बन गए
● 24 साल की युवावस्था मे लिगुरिया में क्रांति करने के लिए उन्होंने 1831 में देश निकाला दे दे गया
● तत्पश्चात उन्होंने दो और भूमिगत संगठनों की स्थापना
● पहला था मर्सेई में ‘ यंग इटली’ और दूसरा था बर्न में ‘ यंग यूरोप ‘
● मेतसिनी द्वारा राजतंत्र का जोरदार विरोध एवं उसके प्रजातांत्रिक सपनों ने रूढ़िवादीयों के मन में भय भर दिया।
● ” मेटरनिख ने उसे हमारी सामाजिक व्यवस्थाओं का सबसे खतरनाक दुश्मन बताया।”
★ विभिन्न प्रतीक चिन्ह और उनका अर्थ
● टूटी हुई बेड़िया :- आजादी मिलना
● बलूत पत्तियों वाला कवच :- वीरता
● तलवार :- मुकाबले की तैयारी
● तलवार पर लिपटी जैतून की डाली :- शांति की चाह
● कला , लाल और सुनहरा तिरंगा :- उदारवादी राष्ट्रवादियों का झण्डा
● उगते सूर्य की किरणें :- एक नए युग की शुरुआत
● बाज छाप वाला कवच :- जर्मन समुदाय की प्रतीक शक्ति