हाशियाकरण : कॉपियों के पन्नो पे बाई ओर खाली जगह होती है जहाँ आमतौर पर लिखा नहीं जाता है। उसे पन्ने का हसिया कहा जाता है
हाशियाई का मतलब होता है की जिसे किनारे या हासिये पर ढकेल दिया गया हो। ऐसे में वह व्यक्ति चीजों के केंद्र में नहीं रहता।
आदिवासी कौन लोग है ? आदिवासी शब्द का मतलब होता है ‘ मूल निवासी ‘ ये ऐसा समुदाय है जो जंगलो के साथ जीते आए है। भारत की लगभग 8 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है। देश के बहुत सारे महत्वपूर्ण खनन एव औद्योगिक क्षेत्र आदिवासी इलाको में है।
जमशेदपुर ,राउरकेला ,बोकारो और भिलाई का नाम आपने सुना होगा। भारत में 500 से ज्यादा तरह के आदिवासी समूह है।
छत्तीसगढ़ ,झारखण्ड ,मध्यप्रदेश ,उड़ीसा ,असम ,मणिपुर ,मेघालय ,मिजोरम ,नागालैंड एव त्रिपुरा आदि
राज्यों मेंआदिवासियों की संख्या काफी ज्यादा है।
जनजातीय धर्म :- आदिवासीयों के बहुत सारे जनजातीय धर्म होते हैं। उनके धर्म इस्लाम , हिंदू , ईसाई आदि
वे अकसर अपने पुरखों की , गाँव और प्रकृति की उपासना करती हैं। प्रकृति से जुड़ी आत्माओं में पर्वत , नदी , पशु आदि की आत्माएँ हैं।
भाषाएँ :- आदिवासीयों की अपनी भाषाएँ रही है ( उनमें से ज़्यादातर संस्कृत से बिल्कुल अलग और संभवत: उतनी ही पुरानी हैं ) इनमें संथाली बोलने वाली की संख्या सबसे अधिक है।
आदिवासी और प्रचलित छवियाँ :- हमारे देश में आदिवासियों को एक खास तरह से पेश किया जाता रहा है। स्कूल के उत्सवों , सरकारी कार्यक्रमों या किताबों व फिल्मों में उन्हें सदा एक रूप में पेश में ही किया जाता है।
वे रंग-बिरंगे कपड़े पहने , सिर पर मुकुट लगाए और हमेशा नाचते-गाते दिखाई देते हैं। खास समुदायों को बनी-बनाई छवियों में देखते चले जाने की वजह से इस तरह के समुदायों के साथ अक्सर कितना भेदभाव होने लगता है।
आदिवासी और विकास :- उन्नसवीं सदी के आखिर तक हमारे देश का बड़ा हिस्सा जंगलों से ढँका हुआ था। इन विशाल भूखंडो का आदिवासियों के पास जबरदस्त ज्ञान था। सारे वन संसाधनों के लिए आदिवासीयों पर निर्भर रहते थे। आज उन्हें हाशियाई और शक्तिहीन समुदाय के रूप में देखा जाता है।
इमारती लकड़ी और खेती व उद्योगों के लिए विशाल वनभूमियों को साफ किया जा चुका है।
आदिवासियों के इलाके में खनिज पदार्थों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की भी भरमार रही है।
इसलिए इन ज़मीनों को खनन और अन्य विशाल औद्योगिक परियोजनाओं के लिए बार-बार छीना गया है।
सरकारी आँकड़ो से पता चलता है कि खनन और खनन परियोजनाओं के कारण विस्थापित होने वालों में 50 प्रतिशत से ज्यादा केवल आदिवासी रहे हैं।
भारत में 54 राष्ट्रीय पार्क और 372 वन्य जीव अभ्यारण हैं। इनका कुल क्षेत्रफल 1,09,652 वर्ग किलोमीटर है।
ये ऐसे इलाके हैं जहाँ मूल रूप से आदिवासी रहा करते थे। अब उन्हें वहाँ से उजाड़ दिया गया है।
अगर वे इन जंगलो में रहने की कोशिश करते हैं तो उन्हें गुसपैठिया कहा जाता है।
अल्पसंख्यक और हाशियाकरण :- मौलिक अधिकारों के ज़रिए हमारा संविधान धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करता है।
अल्पसंख्यक :- ऐसे समुदायों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो संख्या की दृष्टि से बाकी आबादी के मुकाबले बहुत कम हैं।लेकिन यह अवधरणा केवल संख्या के सवाल तक ही सीमित नही हैं , बल्कि इसके सामाजिक व सांस्कृतिक आयाम भी होते हैं।
बहुसंख्यक समुदाय की संस्कृति समाज और सरकार की अभिव्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। संभव है कि छोटे समुदाय हाशिये पर खिसकते चले जाएँ।
मुसलमान और हाशियाकरण :- 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की आबादी में मुसलमानों की संख्या 14.2 प्रतिशत है। उन्हें हाशियाई समुदाय के मुकाबले उन्हें सामाजिक-आर्थिक विकास के लाभ नही मिलते।
सरकार ने 2005 में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। न्यायमूर्ति राजिन्दर सच्चर की अध्यक्षता में बनाई गई ।
इस समिति ने भारत में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक , आर्थिक और शैक्षणिक स्थिती का जायज़ लिया।
समिति के रिपोर्ट से पता चलता है कि विभिन्न सामाजिक , आर्थिक एवं शैक्षणिक संकेतकों के हिसाब से मुसलमानों की स्थिति अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति जैसे अन्य हाशियाई समुदायों से मिलती-जुलती है।
मुसलमानों के आर्थिक व सामाजिक हाशियाकरण के कई पहलू हैं। इनके रीति-रिवाज़ और व्यवहार मुख्यधारा के मुकाबले काफ़ी अलग है।कुछ मुसलमान में बुर्क़ा , लंबी दाढ़ी और फ़ैज टोपी की चलन दिखाई देता है।
घेटोआइजेशन :- ऐसे इलाके या बस्ती के लिए इस्तेमाल होता है जिसमें मुख्य रूप से एक ही समुदाय के लोग रहते हैं।