अध्याय 4. ऊष्मा | Heat

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❍ ऊष्मा :- ऊर्जा का एक रूप है जो ताप के कारण होता है।

किसी पदार्थ के गर्म या ठंडे होने के कारण उसमें जो ऊर्जा होती है उसे उसकी ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं। इसका मात्रक भी जूल (Joule) होता है पर इसे कैलोरी (Calorie) में भी व्यक्त करते हैं।

 

 ❍ ताप :- किसी वस्तु की उष्णता (गर्मी ) के माप को ताप कहते हैं।

थर्मामीटर :- ताप मापने के लिए उपयोग की जाने वाली युक्ति को तापमापी ( थर्मामीटर ) कहते है।

○ डॉक्टरी थर्मामीटर :- जिस तापमापी से हम अपने शरीर के ताप को मापते हैं उसे डॉक्टरी थर्मामीटर कहते हैं।

○ सेल्सियस स्केल :- ताप मापने के स्केल जिसे C द्वारा दर्शाते हैं। डॉक्टरी थर्मामीटर से हम 35 C से 42 C तक के ताप ही माप सकते हैं।

 ○ आपके शरीर का ताप को सदैव इसके मात्रक C के साथ व्यक्त करना चाहिए।  मानव शरीर का सामान्य ताप 37° कि होता है।
 ○ मानव शरीर का ताप सामान्यतः 35 C से कम तथा 42 C से अधिक नही होता। इसलिए थर्मामीटर का परिसर 35 C से 42 C है।

 

 ○ प्रयोगशाला तापमापी :- अन्य वस्तुओं के ताप मापने के लिए तापमापी प्रयोशाला तापमापी है। प्रयोशाला तापमापी का परिसर प्रायः 10 C से 110 सी होता है। मौसम की रिपोर्ट देने के लिए अधिकतम – न्यूनतम तापमापी का उपयोग किया जाता है।

 

○ ऊष्मा का स्थानांतरण :- जब किसी बर्तन को ज्वाला पर रखते हैं तो वह तप्त हो जाता है। ऊष्मा बर्तन से परिवेश की ओर स्थानांतरित हो जाती है। ऊष्मा सदैव गर्म वस्तु की अपेक्षाकृत ठंडी वस्तु की ओर प्रवाहित होती है।

 

 ○ चालन :- वह प्रक्रम जिसमें ऊष्मा किसी वस्तु के गर्म सिरे से ठंडे सिरे की ओर स्थानांतरित होती है , चालन कहलाता है।

○ चालक :- जो पदार्थ ऊष्मा को आसानी से जाने देते हैं उन्हें उष्मा का चालक कहते हैं।

   उदाहरण :- ऐलुमिनियम , लोहा , ताँबा ।

○ कुचालक :- जो पदार्थ अपने उष्मा को आसानी से नही जाने देते , उन्हें उष्मा का कुचालक कहते हैं।

जैसे :- प्लास्टिक तथा लकड़ी।

 

○ संवहन :- द्रवों तथा गैसों में ऊष्मा संवहन द्वारा स्थानांतरित होती हैं।

 

○ समुद्र समीर :- समुद्र की ओर से आने वाली वायु को समुद्र समीर कहते हैं। तटीय क्षेत्रों में दिन के समय स्थल शीघ्र गर्म हो जाता है।

 

○ थल समीर :- स्थल से ठंडी वायु समुद्र की ओर बहती है जिसे थल समीर कहते है। रात्रि में समुद्र का जल धीमी गति से ठंडा होता है।

 

○ विकिरण :- सूर्य से पृथ्वी तक उष्मा एक अन्य प्रक्रम द्वारा आती है जिसे विकिरण कहते है।

• सभी गर्म पिंड विकिरणों के रूप में ऊष्मा विकिरित करते हैं।

• कुछ भाग में परिवर्तित हो जाता है।

• कुछ भाग अवशोषित हो जाता है।

• कुछ भाग परागत हो सकता है।

○ गर्मियों में हम हल्के रंग के वस्त्रों को पहनते हैं।

○ सर्दियों में हम गहरे रंग के कपड़ पहनना पसंद करते हैं।

 

 

 

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