अध्याय 1: संविधान क्यों और कैसे / Constitution Why and How

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संविधान क्या है संविधान के कार्य संविधान सभा उद्देशिका संविधान की विशेषताएँ संविधान की आवश्यकता 26 नवम्बर को  संविधान दिवस संविधान सभा की पहली बैठक भारतीय संविधान के 22 भाग है भारतीय संविधान के सभी अनुसूचियां विभिन्न स्त्रोत 

 

 

★ संविधान – एक लिखित पुस्तक है जिसमें किसी देश के शासन और प्रशासन को चलाने के लिए कुछ मूलभूत नियम होते है।

● संविधान ‘राष्ट्र’ और ‘ शासन प्रणाली ‘ का आईना है जैसे संविधान प्रस्तावना ’ का आईना है।

 ● संविधान आधुनिक लोकतांत्रिक देशों में शासन विधान का आधार होता है ।

● हर देश अपनी राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप संविधान बनाने का प्रयास करता है।

● भारत का संविधान भी भारतीयों से निर्मित एक संविधान सभा द्वारा बनाया गया।

 

 

◆ भारत में संविधान सभा की माँग :-

● 1922 में ‘ महात्मा गाँधी ‘ संविधान सभा और संविधान निर्माण की मांग की।

● 1927 में कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन में मोतीलाल नेहरू ने एक प्रस्ताव पेश किया।

● 1934 में कांग्रेस कार्य समिति ने पहली बार संविधान सभा की औपचारिक रीति की माँग प्रस्तुत की।

●1940 में ‘ लॉर्ड लिनलिथगो ‘ ने प्रस्ताव स्वीकार किया कि भारतीय संविधान का निर्माण भारतीयों की प्रतिनिधि सभा द्वारा किया जायेगा।

● 1942 में स्टेफोर्ड क्रिप्स भारतीयों नेताओं से वार्ता करने भारत आये।

● 1946 में भारत के मंत्री पथिक लॉरेन्स , व्यापार मंडल के अध्यक्ष सर स्टेफोर्ड क्रिप्स और नौवहन विभाग के प्रथम लार्ड ए. वी. एलेक्जेंडर । इसे कैबिनेट मिशन के नाम से जाना जाता है।

● कैबिनेट मिशन ने ही संविधान सभा के कुल 389 ( 292 ब्रिटिश प्रान्तों से और 93 देशी राज्यों से और 4 प्रतिनिधि चीफ कमिशनर )

 

● 9 दिसम्बर 1946 संविधान सभा की पहली बैठक हुई।

● 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की दूसरी बैठक हुई।

● 13 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की तीसरी बैठक हुई।

 

डॉ. भीमराव अम्बेडकर के 125 वीं वर्षगांठ पर भारत सरकार आधुनिक भारत के निर्माण में उनके योगदान का सम्मान करते हुए वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को ‘ संविधान दिवस ‘ के रूप में मनाने का निर्णय किया। इसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देना है।

 

★ संविधान सभा :- संविधान बनाने का काम करने वाली सभा को संविधान कहा जाता है।

●कैबिनेट मिशन ने ही संविधान सभा के कुल 389 ( 292 ब्रिटिश प्रान्तों से और 93 देशी राज्यों से और 4 प्रतिनिधि चीफ कमिशनर )

● संविधान बनाने में 2 साल 11 महीने 18 दिन लगे।

● संविधान सभा के कुल बारह अधिवेशन हुए जिनमें 167 बैठके हुई।

● संवैधानिक सलाहकार बी.एन. राव थे।

● संविधान सभा प्रारूप समिति के अध्यक्ष – डॉ. भीम राव अम्बेडकर

● संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष – डॉ. राजेंद्र प्रसाद

● संविधान सभा के अस्थयी अध्यक्ष – सचिदानन्द सिन्हा

● संविधान सभा के उपाध्यक्ष – हरेन्द्र कुमार मुखर्जी और वी टी कृष्णाचारी

● मूल अधिकार और प्रांत समिति के अध्यक्ष – सरदार वल्लभ भाई पटेल

● संघ समिति के अध्यक्ष – जवाहरलाल नेहरू

 

 

★ उद्देशिका :- नेहरू द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य संकल्प में जो आदर्श प्रस्तुत किया गया उन्हें ही संविधान की उद्देशिका में शामिल कर लिया गया.

◆ प्रस्तावना की मुख्य बातें:-

● संविधान की प्रस्तावना को ‘संविधान की कुंजी’ कहा जाता है।

● 1946 को संविधान को संविधान सभा में पेश किए गए ‘ उद्देश्य प्रस्ताव ‘ पर आधारित है।

● 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा ‘ समाजवादी , ‘ पंथनिरपेक्ष और ‘ अखंडता ‘ जोड़ें गए।

 

 

◆ उद्देशिका :-

” हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों कोः

सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म , और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए,तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए

दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हज़ार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। “

 

 

★ हमें संविधान की आवश्यकता क्यों है।

● शासन और प्रशासन :- किसी भी देश के शासन और प्रशासन को चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता होती हैं।

● मौलिक अधिकार :- मूल अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान की आवश्यकता होती हैं।

● तालमेल बनाने :- देश के अंदर रहने वाले सभी समुदायों के बीच तालमेल बनाती हैं।

निर्णय- निर्माण :- संविधान तय करता है सरकार कैसे काम करेगी सरकार का निर्माण कैसे होगा।

समाज की आकांक्षाएं :- समाज मे रहने वाले सभी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करती हैं।

राष्ट्र की पहचान :- किसी भी देश की पहचान उसके संविधान से होती हैं।

शक्तिओ पर सीमाएँ :- सरकार के शक्तिओ पर सीमाएँ लगती है।

 

 

★ संविधान की विशेषताएं

1. विभिन्न स्त्रोत :- भारतीय संविधान को उधार का संविधान कहा जाता है क्योंकि संविधान निर्माताओं ने संविधान में विश्व के विघमान संविधानों के महत्वपूर्ण लक्षणों का समावेश किया है।

2. लिखित तथा विशाल संविधान :- भारतीय संविधान एक विशेष संविधान – सभा द्वारा निर्मित एवं लिखित है। भारतीय संविधान विश्व का सर्वाधिक व्यापक दस्तावेज है।

3. कठोरता और लचीलेपन का समन्वय :- कुछ उपबंधों को संसद में विशेष बहुमत से संशोधित किया जा सकता है।

अब तक कुल 104 संविधान संशोधन हो चुके हैं।

4. संसदीय व्यवस्था :- संसदीय व्यवस्था विधायिका और कार्यपालिका के मध्य समन्वय व सहयोग के सिद्धांत पर आधारित है।

5. मूल अधिकार तथा मूल कर्त्तव्य :- संविधान के भाग 3 में नागरिकों को 6 मूल अधिकार प्रदान किये गये है।

42 वें संविधान संशोधन , 1976 सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर , संविधान का भाग 4 (क) में नागरिकों को 11 मूल कर्त्तव्य प्रदान किया गया।

 6. राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत :- नीति निर्देशक सिद्धांतो का उद्देश्य सामाजिक व आर्थिक लोकतंत्र अर्थात लोककल्याणकरी राज्य की स्थापना करना है।

7. पंथनिरपेक्ष राज्य :- भारत का संविधान पंथनिरपेक्ष है। इसलिए यह किसी धर्म विशेष को भारत के धर्म के तौर पर मान्यता नही देता।

8. स्वतंत्र न्यायपालिका :- भारतीय संविधान स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना करता है जो नागरिकों के मौलिक अधिकारों तथा संविधान के संरक्षक है।

9. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार :- भारतीय संविधान में ‘ सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार ‘ के सिद्धांत को अपनाया गया है जिसमें प्रत्येक वयस्क भारतीय को बिना किसी भेदभाव के मत देने का समान अधिकार प्राप्त है।

10. त्रिस्तरीय सरकार :- 1950 संघवाद के अनुसार केंद्र और राज्य स्तर की सरकार तथा 1992 में 73 वें एवं 74 वें संविधान संशोधन ने तीन स्तरीय ( स्थानीय ) सरकार का प्रावधान किया गया।

 

 

★ संविधान के प्रमुख लक्षण

● संघवाद :- यहाँ सरकार दो या अधिक स्तर की होती हैं।

केंद्र सरकार , राज्य सरकार , स्थनीय सरकार

● शक्तियों का बंटवारा :- सरकार के तीन अंग हैं।

विधयिक , कार्यपालिका , न्यायपालिका

● संसदीय शासन पद्धति :- सरकार के सभी स्तरों पर प्रतिनिधियों का चुनाव लोग खुद करते हैं।

केंद स्तर पर संसद :- लोकसभा और राज्यसभा

राज्य स्तर पर विधानमंडल :- विधानसभा और विधानपरिषद

 

● मौलिक अधिकार :- संविधान के भाग III (अनुच्छेद 12-35 तक) में मौलिक अधिकारों का विवरण है।

1. समता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
2.स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
3.शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
4.धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
5.संस्कृति और शिक्षा संबंधी .अधिकार (अनुच्छेद 29-30)
6.संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)

 

● संशोधन :- कठोर या लचीला संविधान में संशोधन की प्रक्रिया द्वारा बदलाव कर सकते है।

● लिखित संविधान :- भारत का संविधान लिखित संविधान हैं।

● धर्मनिरपेक्ष :- भारत में रहने वाले सभी समुदाय को सम्मान धार्मिक अधिकार प्रदान किया गया है।

 ● प्रस्तावना :- समाजवाद , लोकतंत्र , धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया हैं।

● 395 अनुच्छेद , 12 अनुसूची , 22 भाग , 105 संशोधन , विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान।

 

 

★ संविधान के कार्य

● सरकार के उद्देश्यों को स्पष्ट करना।

● शासन की संरचना को स्पष्ट करना।

● नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करना।

● राज्य को वैचारिक समर्थन और वैधता प्रदान करना।

● भविष्य की दृष्टि के साथ एक आदर्श शासन संरचना का निर्माण करना।

 

 

 

भारतीय संविधान के 22 भाग है ( Parts of Indian Constitution ) :-

भाग I – संघ और उसके क्षेत्र (अनुच्छेद 1-4)

भाग II- नागरिकता (अनुच्छेद 5-11)

भाग III- मूलभूत अधिकार(अनुच्छेद 12 – 35)

भाग IV- राज्य के नीति निदेशक तत्व(अनुच्छेद 36 – 51)

भाग IVA- मूल कर्तव्य(अनुच्छेद 51A)

भाग V- संघ(अनुच्छेद 52-151)

भाग VI- राज्य(अनुच्छेद 152 -237)

भाग VII- संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित

भाग VIII- संघ राज्य क्षेत्र(अनुच्छेद 239-242)

भाग IX- पंचायत(अनुच्छेद 243- 243O)

भाग IXA- नगर्पालिकाएं(अनुच्छेद 243P – 243ZG)

भाग X- अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र(अनुच्छेद 244 – 244A)

भाग XI- संघ और राज्यों के बीच संबंध(अनुच्छेद 245 – 263)

भाग XII- वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद(अनुच्छेद 264 -300A)

भाग XIII- भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम(अनुच्छेद 301 – 307)

भाग XIV- संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं(अनुच्छेद 308 -323)

भाग XIVA- अधिकरण(अनुच्छेद 323A – 323B)

भाग XV- निर्वाचन(अनुच्छेद 324 -329A)

भाग XVI- कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबंध संबंध(अनुच्छेद 330- 342)

भाग XVII- राजभाषा(अनुच्छेद 343- 351)

भाग XVIII- आपात उपबंध(अनुच्छेद 352 – 360)

भाग XIX- प्रकीर्ण(अनुच्छेद 361 -367)

भाग XX- संविधान के संशोधनअनुच्छेद

भाग XXI- अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध(अनुच्छेद 369 – 392)

भाग XXII- संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन(अनुच्छेद 393 – 395)

 

 

भारतीय संविधान के सभी अनुसूचियां 

1. पहली अनुसूची :- देश और 28 राज्यों का उल्लेख

2. दूसरी अनुसूची :- वेतन, भत्ते और पेंशन

3. तीसरी अनुसूची :- शपथ संबंधित उल्लेख

4. चौथी अनुसूची :- राज्यसभा की सीटों का उल्लेख

5. पांचवी अनुसूची :- अनुसूचित जाति और जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन का उल्लेख

6. छठी अनुसूची :- असम, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम का जनजातीय प्रशासन

7. सातवीं अनुसूची :- केंद्र और राज्यों के बीच शक्ति का बंटवारा

8. आठवीं अनुसूची :- 22 भाषाओं का उल्लेख

9. नौवीं अनुसूची :- भूमि सुधार संबंधित

10. दसवीं अनुसूची :- दलबदल संबंधित प्रावधान

11. ग्यारहवीं अनुसूची :- पंचायतों का प्रावधान

12. बारहवीं अनुसूची :- नगर निकायों का प्रावधान

 

 

संविधान के स्रोत (Sources of Indian Constitution )In Hindi 

1. संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका

1.मौलिक अधिकार

2..उपराष्‍ट्रपति

3.न्‍यायिक पुनरावलोकन

4.संविधान की सर्वोच्‍चता

5.न्‍यायपालिका की स्‍वतंत्रता

6निर्वाचित राष्‍ट्रपति एवं उस पर महाभियोग

7. उच्‍चतम एवं उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्‍तीय आपात

8. राज्‍य की कार्यपालिका के प्रमुख तथा सशस्‍त्र सेनाओं के सर्वोच्‍च कमांडर के रूप में राष्‍ट्रपति के होने का प्रावधान

 

2. ब्रिटेन

1.संसदात्‍मक शासन-प्रणाली

2.एकल नागरिकता

3.विधि-निर्माण प्रक्रिया

4.मंत्रियों के उत्‍तरदायित्‍व वाली संसदीय प्रणाली

5.न्यायालय में रिट(Writ) संबंधी प्रावधान

 

3. आयरलैंड

1.नीति निदेशक सिद्धांत

2.राष्‍ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्‍यवस्‍था

3.राष्‍ट्रपति द्वारा राज्‍य सभा में साहित्‍य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेवा इत्‍यादि के क्षेत्र में ख्‍याति प्राप्‍त व्‍यक्तियों का मनोनयन

 

4. आस्‍ट्रेलिया

1.प्रस्‍तावना की भाषा
2.समवर्ती सूची का प्रावधान
3.केन्‍द्र एवं राज्‍य के बीच संबंध तथा शक्तियो का विभाजन
4.संसदीय विशेषाधिकार

 

5. जर्मनी

1.आपातकाल संबंधित प्रावधान (आपातकाल के समय मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगाना संबंधित प्रावधान)

6. कनाडा

1.संघात्‍मक विशेषताएँ

2.अवशिष्‍ट शक्तियाँ केंद्र के पास होना

3.केंद्र द्वारा राज्‍य के राज्‍यपालों की नियुक्ति

4.उच्‍चतम न्‍यायालय का परामर्शी न्‍याय निर्णयन

5.राज्‍य सभा के सदस्‍यों का निर्वाचन

 

7. दक्षिण अफ्रीका

1.संविधान संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान

2.राज्यसभा सदस्यों के चुनाव संबंधी प्रावधान

 

8. सोवियत संघ (रूस)

1.मौलिक कर्तव्‍यों का प्रावधान

2.योजना आयोग

3.सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय संबंधित प्रावधान

9. जापान

1.विधि द्वारा स्‍थापित

10. स्विट्जरलैण्‍ड

1.संविधान की सामाजिक नीतियों के संदर्भ में निदेशक तत्‍वों का उपबंध

 

11. फ्रांस

1.गणतांत्रिक व्‍यवस्‍था

2.अध्‍यादेश नियम

3.विनियम आदेश

4.प्रस्‍तावना में स्‍वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्श

 

 

 

 

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