Spread the loveप्राकृतिक रेशे :- कपास , ऊन , रेशम , रेशम आदि पौधों अथवा जंतुओं से प्राप्त से प्राप्त होते है। संश्लेषित रेशे मनुष्यों द्वारा बनाए जाते है , इसलिए ये संश्लेषित अथवा मानव निर्मित रेशे कहलाते है। Read More …
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अध्याय 1: फसल उत्पादन एवं प्रबंध | Crop Production and Management
Spread the love❍ कृषि पद्धतियाँ :- लगभग 10,000 ई.पू पहले हिम युग का अंत हुआ। बढ़ती हुई जनसंख्या को भोजन प्रदान करने के लिए हमें विश्ष्टि कृषि पद्धतियों को अपनाया होता है। ○ फसल :- जब एक ही किस्म के Read More …
अध्याय 10 कानून और सामाजिक न्याय
Spread the love उपभोक्ता :- जो व्यक्ति बाज़ार में बेचने के लिए नहीं बल्कि इस्तेमाल के लिए कोई चीज खरीदता है उसे उपभोक्ता कहा जाता है। उत्पादक :– ऐसा व्यक्ति या संस्थान जो बाज़ार में बेचने के लिए चीजें बनाता Read More …
अध्याय-9 जनसुविधाए
Spread the loveजीवन और स्वास्थ्य के लिए पानी आवश्यक है। न केवल यह हमारी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत पानी के अधिकार को जीवन के अधिकार का हिस्सा Read More …
अध्याय : 4 कानूनों की समझ
Spread the loveकानून :- देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं। कानून से ऊपर कोई व्यक्ति नहीं है। हमारा कानून धर्म , जाति , और लिंग के आधार पर लोगों के बीच कोई भेदभाव नही Read More …
अध्याय : 7 हाशियाकरण की समझ
Spread the love हाशियाकरण : कॉपियों के पन्नो पे बाई ओर खाली जगह होती है जहाँ आमतौर पर लिखा नहीं जाता है। उसे पन्ने का हसिया कहा जाता है हाशियाई का मतलब होता है की जिसे किनारे या हासिये पर ढकेल Read More …
अध्याय : 1 भारतीय संविधान
Spread the love संविधान – एक लिखित पुस्तक है जिसमें किसी देश के शासन और प्रशासन को चलाने के लिए मूलभूत नियम होते हैं। 1922 में गाँधी जी ने सविधान सभा और सविधान निर्माण की मांग की 1934 में भारतीय Read More …
अध्याय : 10 स्वतंत्रता के बाद
Spread the love15 अगस्त 1947 में भारत आज़ाद हुआ तो उसके सामने कई बड़ी चुनौतियाँ थी। पहली :- एकता और अखंडता की चुनौती थी । क्योंकि भारत में बहुत सारे धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र के लोग रहते हैं । Read More …
अध्याय : 7 ” देशी जनता ” को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना
Spread the loveअंग्रेज :- ” देशी समाज को सभ्य बनाना ” है और उनके रीति-रिवाजों और मूल्य-मान्यताओं को बदलना है।और भारतीयों को शिक्षित “सभ्य” ,और ” अच्छी प्रजा ” बनाने का लक्ष्य था। भाषाविद :- एक ऐसा व्यक्ति जो कई Read More …
अध्याय : 4 आदिवासी , दिकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना
Spread the loveआदिवासी :- बिरसा का जन्म एक मुंडा परिवार में हुआ था। बिरसा ने खुद यह ऐलान कर दिया था कि उसे भगवान ने लोगों की रक्षा और उनकी दिकुओं ( बाहरी लोगों ) की गुलामी से आजाद कराने Read More …