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❍ प्रकाश :- हम प्रकाश के बिना वस्तुएं नहीं देख सकते हैं। प्रकाश वस्तुओं को । देखने में सहायता करता है। जो वस्तुएं स्वयं प्रकाश उत्सर्जित करती हैं, उन्हें दीप्त वस्तुएं कहते हैं।
जैसे—सूर्य, तारे, जुगनू, विद्युत् का बल्ब आदि।
❍ पारदर्शी वस्तु :- जिस वस्तु के आर-पार देख सकते हैं, उस वस्तु को पारदर्शी वस्तु कहते हैं
जैसे :- शीश , काँच , पानी आदि।
❍ अपारदर्शी वस्तु :- जिस वस्तु को आर-पार नहीं देख सकते, उस वस्तु को अपारदर्शी वस्तु कहते हैं।
जैसे :- दीवार , लकड़ी , पुस्तक आदि।
❍ पारभासी वस्तु :- जिन वस्तुओं के आर-पार देख तो सकते हैं परंतु बहुत स्पष्ट नहीं, ऐसी वस्तुओं को पारभासी वस्तुएं कहते हैं।
जैसे :- धुआँ, कोहरा, और तेल लगा कागज़ आदि।
❍ दर्पण :- वह वस्तु जिसमें किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनता है दर्पण कहलाता है।
दर्पण दो प्रकार के होते है।
1. समतल दर्पण :- जिस दर्पण की परावर्तन सतह समतल होती है, उसे समतल दर्पण कहते हैं।
जैसे :-इसका उपयोग घरों में चेहरा देखने के काम आता है।
2. गोलीय दर्पण :- गोलीय दर्पण कांच के खोखले गोले का भाग होता है , जिसकी एक सतह पर पॉलिश की जाती है ।
गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते है।
1.अवतल दर्पण
2. उतल दर्पण
○ प्रकाश का परावर्तन :- दर्पण द्वारा प्रकाश की दिशा का यह परिवर्तन प्रकाश का परावर्तन कहलाता है।
○ समतल दर्पण :- जिस दर्पण की परावर्तन सतह समतल होती है, उसे समतल दर्पण कहते हैं।
जैसे :-इसका उपयोग घरों में चेहरा देखने के काम आता है। A M B U L A N C E ( पीछे का दृश्य दिखाने वाला दर्पण ) स्पष्ट पढ़ सकते है।
○गोलीय दर्पण :- गोलीय दर्पण कांच के खोखले गोले का भाग होता है , जिसकी एक सतह पर पॉलिश की जाती है ।
○ गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते है।
• अवतल दर्पण :- इस दर्पण में परावर्तक सतह अंदर की ओर से उभरा हुआ रहता है। अवतल दर्पण का उपयोग गाड़ी के हेडलाइट एवं सर्च लाइट में उत्तल दर्पण का प्रयोग किया जाता है ।
• उत्तल दर्पण :- इस दर्पण में परावर्तक सतह बाहर की ओर से उभरा हुआ रहता है। उत्तल दर्पण का उपयोग इसका उपयोग गाड़ी में चालक की सीट के पीछे के दृश्य को देखने में किया जाता है।
○ लेंस :- यह बहुत छोटे प्रिंट को पढ़ने के लिए उपयोग किया जाता है। लेंसों का उपयोग व्यापक रूप में चश्मों , दूरबीनों , सूक्ष्मदर्शियों में किया जाता है। लेंस पारदर्शी होते है ,इनमें प्रकाश गुजर सकता है।
○ उत्तल लेंस :- जो किनारों की अपेक्षा बीच में मोटे प्रतीत होते है।
○ अवतल लेंस :- जो किनारों की अपेक्षा बीच मे पतले होते है।
○ सूर्य का प्रकाश :- वर्षा के पश्चात , जब सूर्य आकाश में क्षितिज के पास होता है। इंद्रधनुष आकाश में अनेक रंगों के एक बड़े धनुष के रूप में दिखलाई देता है।
○ इंद्रधनुष में सात वर्ण होते है।
लाल , नारंगी , पीला , नीला , जमुनी , तथा बैंगनी ।
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○ प्रिज़्म सूर्य के प्रकाश की एक किरणपुंज को सात वर्णों में विभक्त कर देता है।
अध्याय 16 जल एक बहुमूल्य संसाधन | Water a Precious Resource