अध्याय 8 : परिवहन एवं संचार

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परिवहन :

परिवहन व्यक्तियों और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक वहन करने की सेवा या सुविधा को कहते हैं जिसमें मनुष्यों, पशुओं तथा विभिन्न प्रकार की गाड़ियों का प्रयोग किया जाता है।

 

ऐसा गमनागमन स्थल, जल एवं वायु में होता है। सड़कें और रेलमार्ग स्थलीय परिवहन का भाग हैं. जबकि नौपरिवहन तथा जलमार्ग एवं वायुमार्ग परिवहन के अन्य दो प्रकार हैं।

 

पाइपलाइन पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस और तरल अवस्था में अयस्कों जैसे पदार्थों का परिवहन करती है।

 

 

 

परिवहन जाल क्या होता है?

अनेक स्थान जिन्हें परस्पर भागों की श्रेणियों द्वारा जोड़ दिए जाने पर जिस प्रारूप का निर्माण होता है उसे परिवहन जाल कहते हैं।

 

 

 

 परिवहन की विधाएँ

 

विश्व परिवहन की प्रमुख विधाएँ है।

स्थल
जल
वायु
पाइपलाइन

 

किसी विधा की सार्थकता परिवहित की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के प्रकार, परिवहन की लागतों और उपलब्ध विधा पर निर्भर करती है।

 

 

 

 सड़क परिवहन

● अठारहवीं शताब्दी में भाप के इंजन के आविष्कार के बाद आई। संभवत: प्रथम सार्वजनिक रेलमार्ग 1825 में उत्तरी इंग्लैंड के स्टॉकटन और डर्लिंग्टन स्थानों के मध्य प्रारंभ हुआ और उसके बाद से ही रेलमार्ग 19वीं शताब्दी में परिवहन के सर्वाधिक लोकप्रिय और तीव्रतम प्रकार बन गए

● अंतर्दहन इंजन के आविष्कार ने सड़कों की गुणवत्ता और उन पर चलने वाले वाहनों (कार, टूक इत्यादि) के संदर्भ में सड़क परिवहन में क्रांति ला दी।

 

● तरल पदार्थ जैसे- खनिज तेल, जल, अवमल और नाली मल का परिवहन पाइपलाइनों द्वारा किया जाता है। रेलमार्ग, समुद्री पोत, बजरे, नौकाएँ, मोटर ट्रक और पाइपलाइनें बड़े मालवाहक हैं।

 

● सामान्यतः मानव कुली, बोझा ढोने वाले पशु, गाड़ियाँ अथवा माल डिब्बे जैसे पुराने और प्रारंभिक रूप परिवहन के सर्वाधिक खर्चीले साधन हैं, जबकि बड़े मालवाही सस्ते पड़ते हैं।

 

 

 

सड़कें :

 

● छोटी दूरियों के लिए सड़क परिवहन रेल परिवहन की अपेक्षा आर्थिक दृष्टि से लाभदायक होता है।

● सड़कों द्वारा माल का परिवहन महत्त्वपूर्ण होता जा रहा है क्योंकि इसके द्वारा घर-घर तक वस्तुओं को पहुँचाया जा सकता है

● सड़कें भी अत्यधिक भारी वर्षा, एवं बाढ़ के समय गंभीर रूप से प्रभावित हो जाती हैं

 

● सड़कें किसी भी देश के व्यापार और वाणिज्य को विकसित करने एवं पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

 

● विश्व की कुल मोटर वाहन चलाने योग्य सड़कों की लंबाई मात्र 150 लाख किलोमीटर है, जिसका 33 प्रतिशत भाग उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है।

 

 

 

यातायात प्रवाहः पिछले कुछ वर्षों में सड़कों पर यातायात में नाटकीय वृद्धि हुई है। जब सड़क तंत्र यातायात की जरूरतों के अनुरूप विकसित न हो पाए तो सड़कों पर संकुलन बढ़ जाता है। नगरों की सड़कों पर दीर्घकालीन संकुलता पाई जाती है। यातायात के शीर्ष (उच्चबिंदु) और गर्त (निम्नबिंदु) सड़कों पर दिन के विशेष समय पर देखे जा सकते हैं,

 

 

 

महामार्ग

● महामार्ग दूरस्थ स्थानों को जोड़ने वाली पक्की सड़कें होती हैं इनका निर्माण इस प्रकार से किया जाता है कि अबाधित रूप से यातायात का आवागमन हो सके।

● यातायात के अबाधित प्रवाह की सुविधा के लिए अलग-अलग यातायात लेन, पुलों, फ्लाईओवरों और दोहरे वाहन मार्गों से युक्त ये 80 मीटर चौड़ी सड़कें होती हैं।

● अमेरिका में महामाग का घनत्व उच्च है जो लगभग 0.65 कि.मी. प्रतिवर्ग कि.मी. है। प्रत्येक स्थान महामार्ग से 20 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।

● यूरोप में वाहनों की बहुत विशाल संख्या तथा महामागों का सुविकसित जाल पाया जाता है। परंतु महामार्गों को रेलमार्गों एवं जलमार्गों के साथ कड़ी प्रतिद्वंद्विता का सामना करना पड़ता है।

● रूस में यूराल के पश्चिम में स्थित औद्योगिक प्रदेश में महामागों के अत्यधिक सघन जाल का विकास हुआ है, जिसकी धुरी मास्को है।

● चीन में महामार्ग प्रमुख नगरों को जोड़ते हुए देश में क्रिस क्रॉस करते हैं। उदाहरण: ये शांसो (वियतनाम सीमा के समीप) शंघाई (मध्य चीन) वांगजाओं (दक्षिण) एवं बीजिंग उत्तर को परस्पर जोड़ते हैं।

 

भारत में अनेक महामार्ग पाए जाते हैं जो प्रमुख शहरों और नगरों को जोड़ते हैं। उदाहरणस्वरूप राष्ट्रीय महामार्ग संख्या 7 जो वाराणसी को कन्याकुमारी से जोड़ता है, देश का सबसे लंबा राष्ट्रीय महामार्ग है।

 

 

 

सीमावर्ती सड़के :

अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के सहारे बनाई गई सड़कों को सीमावर्ती सड़कें कहा जाता है। ये सड़कें सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रमुख नगरों से जोड़ने और प्रतिरक्षा प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रायः सभी देशों में गाँवों एवं सैन्य शिविरों तक वस्तुओं को पहुँचाने के लिए ऐसी सड़कें पाई जाती हैं।

 

 

 

 

रेलमार्ग :

● रेलमार्ग लंबी दूरी तक स्थूल वस्तुओं और यात्रियों के स्थल परिवहन की विद्या है। रेल लाइनों की चौड़ाई (गेज) प्रत्येक देश में अलग-अलग पाई जाती है

● जिन्हें सामान्यतया बड़ी (1.5 मीटर से अधिक), मानक (1.44 मीटर) मीटर लाइन (1 मीटर) और छोटी लाइन में वर्गीकृत किया जाता है। मानक लाइन का उपयोग ब्रिटेन में किया जाता है।

● ये दैनिक गाड़ियाँ नगरों में प्रतिदिन लाखों यात्रियों को ले जाती और ले आती हैं। विश्व में लगभग 13 लाख कि.मी. लंबे रेल यातायात मार्ग हैं।

 

यूरोप में विश्व का सघनतम रेल तंत्र पाया जाता है। यहाँ रेलमार्ग लगभग 4 लाख 40 हजार कि.मी. लंबे हैं जिनमें से अधिकांश दोहरे अथवा बहुमार्गी हैं बेल्जियम में रेल घनत्व सर्वाधिक अर्थात् प्रति 6.5 वर्ग कि.मी. क्षेत्र पर लगभग 1 किलोमीटर पाया जाता है।

उत्तरी अमेरिका में सर्वाधिक विस्तृत रेलमार्ग तंत्र है, जो विश्व के कुल रेलमार्गों का लगभग 40 प्रतिशत है।

कनाडा में रेलमार्ग सार्वजनिक सेक्टर में हैं, और पूरे विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में वितरित है। महाद्वीप पारीप रेलमार्गों के द्वारा गेहूँ एवं कोयले के भार के अधिकांश भाग का परिवहन किया जाता है।

ऑस्ट्रेलिया में लगभग 40,000 कि.मी. लब रेलमार्ग है, जिसका 25 प्रतिशत अकेले न्यू साउथ वेल्स में पाया जाता है।

दक्षिणी अमेरिका में रेलमार्ग दो प्रदेशों में सघन है जिसके नाम है अटाइना के पास तथा ब्राजील के कॉफी उत्पादक प्रदेश। ये दोना प्रदेशों में दक्षिणी अमेरिका के कुल रेलमार्गों का 40 प्रतिशत भाग पाया जाता है।

एशिया में जापान, चीन और भारत के सघन बसे हुए क्षेत्रों में रेलमार्गों का समपत्य पाया जाता है। अन्य देशों में अपेक्षाकृत कम रेलमार्ग बने हैं।

● दूसरा विशालतम महाद्वीप होने के बावजूद अफ्रीका में केवल 40,000 कि.मी. लंबे रेलमार्ग हैं जिनमें से सोने हीरे के सांदण और ताँबा खनन क्रियाकलापों के कारण अकेले दक्षिण अफ्रीका में 18 100 कि.मी. लंबे रेलमार्ग हैं।

 

 

 

 

 महाद्वीप के प्रमुख रेलमार्ग हैं 

1) बेंगुएला रेलमार्ग जो अंगोला से कटंगा जाया की पेटी से होकर जाता है:

2) तंजानिया रेलमार्ग जाविया ताम्र पेटी से तट पर स्थित दार-ए-सलाम तक

3) बागवाना और जिवा से होते हुए रेलमार्ग जो स्थलरुद्ध राज्यों को दक्षिण अफ्रीकी रेलतंत्र से जोड़ता है

4) दक्षिण अफ्रीका गणतंत्र में केपटाउन से प्रेटोरिया तक ब्लू ट्रेन

 

 

 

पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग :

पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग पूरे महाद्वीप से गुजरते हुए इसके दोनों चोरों को जोड़ते हैं। इनका निर्माण आर्थिक और राजनीतिक कारणों से विभिन्न दिशाओं में बीमाओं को सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया था।

 

 

 

 पार- साइबेरियन रेलमार्ग

● रूस का यह प्रमुख रेलमार्ग पश्चिम में सेंट पीटर्सबर्ग से पूर्व में प्रशांत महासागर तट पर स्थित व्लाडिवोस्टक तक मास्को कज़ान, ट्यूमिन, नोवोसिबिर्स्क, चिता और खबरोवस्क से होता हुआ जाता है

● यह एशिया का सबसे महत्त्वपूर्ण और विश्व का सर्वाधिक लम्बा (9,322 कि.मी.) दोहरे पथ से युक्त विद्युतीकृत पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग है।

● इसने अपने एशियाई प्रदेश को पश्चिमी यूरोपीय बाज़ारों से जोड़ा है। यह रेलमार्ग यूराल पर्वतों, ओब और येनीसी नदियों से गुजरता है। चीता एक महत्त्वपूर्ण कृषि केंद्र और इरकुस्टस्क एक फर केंद्र

● इस रेलमार्ग को दक्षिण से जोड़ने वाले योजक मार्ग भी हैं, जैसे ओडेसा (यूक्रेन), कैस्पियन तट पर बालू, ताशकंद (उज्बेकिस्तान), उलन बटोर (मंगोलिया) और रोनयांग (मक्देन)

 

 

 

पार- कैनेडियन रेलमार्ग

 

● कनाडा की यह 7,050 कि.मी. लंबी रेल लाइन पूर्व में हैलिफैक्स से आरंभ होकर माँट्रियल, ओटावा, विनिपेग और कलगैरी से होती हुई पश्चिम में प्रशांत तट पर स्थित वैंकूवर तक जाती है

● इसका निर्माण 1886 में मूलरूप से एक संधि के अंतर्गत पश्चिमी तट पर स्थित ब्रिटिश कोलंबिया को राज्यों के संघ में सम्मिलित करने के उद्देश्य से किया गया था।

● बाद के वर्षों में क्यूबेक माँट्रियाल औद्योगिक — प्रदेश को प्रेयरी प्रदेश की गेहूँ मेखला और उत्तर में शंकुधारी वन प्रदेश से जोड़ने के कारण इस रेलमार्ग का महत्त्व बढ़ गया ।

● इस रेल लाइन को विश्व के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण जलमार्गों में से एक से गेहूँ और मांस इस मार्ग द्वारा किए जाने वाले महत्त्वपूर्ण निर्यात हैं।

● यह लाइन कनाडा की आर्थिक धमनी है।

 

 

 

 संघ और प्रशांत रेलमार्ग

यह रेललाइन अटलांटिक तट पर स्थित न्यूयार्क को क्लीवलैंड, शिकागो, ओमाहा, इवांस, ऑग्डन और सैक्रामेंटो से होती हुई प्रशांत तट पर स्थित सान फ्रांसिस्को से मिलाती है इस मार्ग द्वारा किए जाने वाले सर्वाधिक मूल्यवान निर्वाह अयस्क अनाज, कागज, रसायन और मशीनरी है।

 

 

आस्ट्रेलियाई पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग

● यह रेल लाइन पश्चिमी तट पर पर्व से आरंभ होकर कलगुली ब्रोकन हिल और पोर्ट अगस्ता से होकर पूर्वी तट पर स्थित सिडनी को मिलाते हुए महाद्वीप के दक्षिणी भाग के आर-पार पश्चिम से पूर्व को जाती है

● एक अन्य उत्तर-दक्षिण लाइन एडीलेड और एलिस स्प्रिंग को जोड़ती है और आगे इसे डार्विन बिरदुम लाइन से जोड़ा जाता है ।

 

 

 

ओरिएंट एक्सप्रेस

● गहा लाइन पैरिस से स्ट्रैस्वर्ग, म्युनिख विएना, बुडापेस्ट और बेलग्रेड होती हुई इस्तांबूल तक जाती है

● इस एक्सप्रेस लाइन द्वारा लंदन से इस्तांबूल तक लगने वाला यात्रा का समय समुद्री मार्ग से लगने वाले 10 दिनों की तुलना में मात्र 96 घंटे रह गया है। इस रेलमार्ग द्वारा होने वाले प्रमुख निर्यात पनीर, सुअर का मांस, जई, शराब, फल और मशीनरी हैं

 

 

 

 

 जल परिवहन

● इस साधन के अंतर्गत मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता।

● यह परिवहन बहुत सस्ता पड़ता है

● जल परिवहन का विभाजन

1) समुद्री मार्गों

2)आंतरिक जल मार्गों

 

 

 

 

 समुद्री मार्ग :

● महासागर सभी दिशाओं में मुड़ सकने वाले ऐसे महामार्ग प्रस्तुत करते हैं जिनको कोई रख-रखाव को लागत नहीं होती।

● एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक स्कूलों का लंबी दूरियों तक समुद्री परिवहन स्थल और वायु परिवहन की अपेक्षा सस्ता पड़ता है।

● शीघ्र नाशवान वस्तुओं के लिए प्रशीतन कोष्टक, टैंकरों और विशेषीकृत बहाता ने नौमार के परिवहन को उन्नत बना दिया है। कंटेनरों के प्रयोग ने विश्व की प्रमुख पत्तन पर नौमार के निपटान को सरल बना दिया है।

 

 

 

 

उत्तरी अटलांटिक समुद्री मार्ग

● यह मार्ग औद्योगिक दृष्टि से विकसित के दो प्रदेशों उत्तर-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी यूरोप को मिलाता है।

● विश्व का एक चौथाई विदेशी व्यापार इस मार्ग द्वारा प्रवाहित होता है।

● इसलिए यह विश्व का व्यस्ततम व्यापारिक जलमार्ग है; दूसरे अर्थों में इसे ‘वृहद ट्रक मार्ग’ कहा जाता है।

 

 

 

भूमध्यसागर-हिंदमहासागरीय समुद्री मार्ग :

● यह समुद्री मार्ग प्राचीन विश्व के हृदय स्थल कहे जाने वाले क्षेत्रों से गुजरता है और किसी भी अन्य मार्ग की अपेक्षा अधि क देशों और लोगों को सेवाएँ प्रदान करता है

● पोर्ट सईद, अदन, मुंबई, कोलंबा और सिंगापुर इस मार्ग की महत्त्वपूर्ण पत्तनों में से कुछ हैं।

● स्वेज नहर के निर्माण से दूरी और समय में अत्यधिक कमी हो गई है।

 

 

 

 उत्तमाशा अंतरीप समुद्री मार्ग :

● यह व्यापारिक मार्ग आयधिक औद्योगिक पश्चिम यूरोपीय प्रदेश को पश्चिमी अफ्रीका, दक्षिण अफ्रीका दक्षिण-पूर्वी एशिया और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की वाणिज्यिक कृषि तथा पशुपालन आधारित अर्थव्यवस्थाओं से जोड़ता है

● स्वेज नहर के निर्माण से पहले यह मार्ग लिवरपुल और कोलंबो को जोड़ता था जो स्वेज नहर मार्ग से 6,400 कि.मी. लंबा था।

● सोना, हीरे, ताँबा, दिन, मूंगफली गिरी का तेल, हवा और फलों जैसे समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के कारण दोनों पूर्वी और पश्चिमी अफ्रीका के बीच व्यापार बढ़ रहा है।

 

 

 

 दक्षिणी अटलांटिक समुद्री मार्ग

● अटलांटिक महासागर के पार यह एक अन्य महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्ग है जो पश्चिमी यूरोपीय और पश्चिमी अफ्रीकी देशों को दक्षिण अमेरिका में ब्राजील, अर्जेंटीना और उरुग्वे से मिलाता है।

● इस मार्ग पर यातायात उत्तरी अटलांटिक मार्ग की तुलना में दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के सीमित विकास और कम जनसंख्या के कारण बहुत कम है।

● केवल दक्षिण-पूर्वी ब्राज़ील, प्लाटा ज्वारनदमुख और दक्षिण अफ्रीका के कुछ भागों में बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण हुआ है।

● रायो-डि-जैनिरों और केपटाउन के बीच मार्ग पर भी यातायात बहुत कम है

 

 

 

उत्तरी प्रशांत समुद्री मार्ग

● उत्तरी प्रशांत महासागर के आर-पार व्यापार अनेक मार्गों द्वारा संचालित होता है जो होनोलूलू में मिलते हैं।

● वृहत् वृत पर स्थित सीधा मार्ग वैंकूवर और याकोहामा को जोड़ता है और यात्रा की दूरी को कम करके (2480 कि.मी.) आधा कर देता है।

● यह समुद्री मार्ग उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित पत्तनों को एशिया के पत्तनों से जोड़ता है,

 

 

 

दक्षिणी प्रशांत समुद्री मार्ग

● पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमेरिका को आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और पनामा नहर से होते हुए प्रशांत महासागर में प्रकीर्णित द्वीपों से मिलता है।

● इस मार्ग का प्रयोग हांगकांग, फ़िलीपींस और इंडोनेशिया पहुँचने के लिए किया जाता है।

● पनामा और सिडनी के बीच तय की गई दूरी 12,000 कि.मी. है। होनोलूलू इस मार्ग पर महत्त्वपूर्ण पत्तन है

 

 

 

स्वेज नहर

● इस नहर का निर्माण 1869 में मिस्र में उत्तर में पोर्टसईद एवं दक्षिण में स्थित पोर्ट स्वेज (स्वेज पत्तन) के मध्य भूमध्य सागर एवं लाल सागर को जोड़ने हेतु किया गया

● यह यूरोप को हिंद महासागर में एक नवीन प्रवेश मार्ग प्रदान करता है

● यह जलबंधकों से रहित समुद्र सतह के बराबर नहर है,

● यह लगभग 160 कि.मी. लंबी तथा 11 से 15 मीटर गहरी है। इस नहर में प्रतिदिन लगभग 100 जलयान आवागमन करते हैं तथा उन्हें इस नहर को पार करने में 10-12 घंटे का समय लगता है।

● एक रेलमार्ग इस नहर के सहारे स्वेज तक जाता है। और फिर इस्माइलिया से एक शाखा कैरो को जाती है

● नील नदी से एक नौगम्य ताजा पानी की नहर भी स्वेज नहर से इस्माइलिया में मिलती है जिससे पोटसईद और स्वेज नगरों को ताजे पानी की आपूर्ति की जाती है।

 

 

 

पनामा नहर :

● यह नहर पूर्व में अटलांटिक महासागर को पश्चिम में प्रशांत महासागर से जोड़ती है।

● इसका निर्माण पनामा जलडमरूमध्य के आर-पार पनामा नगर एवं कोलोन के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा किया गया, जिसने दोनों ही ओर के 8 कि.मी. क्षेत्र को खरीद कर इसे नहर मंडल का नाम दिया है।

● नहर लगभग 72 कि.मी. लंबी है जो लगभग 12 कि.मी. लंबी अत्यधिक गहरी कटान से युक्त है।

● इस नहर में कुल छः जलबंधक तंत्र हैं तथा जलयान पनामा की खाड़ी में प्रवेश करने से पहले इन जलबंधकों से होकर विभिन्न ऊँचाई की समुद्री सतह (26 मीटर ऊपर एवं नीचे) को पार करते हैं।

● इस नहर के द्वारा समुद्री मार्ग से न्यूयार्क एवं सैनफ्रांसिस्को के मध्य लगभग 13,000 कि.मी. की दूरी कम हो गई है।

● इस नहर का आर्थिक महत्त्व स्वेज नहर की अपेक्षा कम है। फिर भी दक्षिणी अमेरिका की अर्थव्यवस्था में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

 

 

 

आंतरिक जलमार्ग

 

● नदियाँ, नहरें, झीलें तथा तटीय क्षेत्र प्राचीन समय से ही पनामा महत्त्वपूर्ण जलमार्ग रहे हैं।

● आंतरिक जल मार्गों का विकास नहरों की नौगम्यता, चौड़ाई और गहराई, जल प्रवाह की निरंतरता तथा उपयोग में लाई जाने वाली परिवहन प्रौद्योगिकी पर निर्भर करता है।

● अत्यधिक भारी वस्तुएँ, जैसे- कोयला, सीमेंट, इमारती लकड़ी तथा धात्विक अयस्क इत्यादि का आंतरिक जल मार्गों द्वारा यातायात किया जा सकता है।

● आंतरिक जलमार्गों के रूप में नदियों की सार्थकता घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय परिवहन तथा व्यापार के क्षेत्र में सभी विकसित देशों में मान्यता प्राप्त कर चुकी है।

● नदी तल को स्थिर करने तथा बाँध बनाकर जल प्रवाह को नियंत्रित कर नदियों की नौगम्यता को बढ़ाया गया है।

 

 

 

 राइन जलमार्ग :

● राइन नदी जर्मनी और नीदरलैंड से होकर प्रवाहित होती है

● नीदरलैंड में रोटरडम में अपने मुहाने से लेकर स्विटजरलैंड में बेसल तक यह 700 कि.मी. लंबाई में नौकायन योग्य हैं।

● रूर नदी पूर्व से आकर राइन नदी में मिलती है। यह नदी एक संपन्न कोयला क्षेत्र से होकर प्रवाहित होती है तथा संपूर्ण नदी बेसिन विनिर्माण क्षेत्र की दृष्टि से अत्यधिक संपन्न है

● रूर के दक्षिण में फैली पट्टी से होकर भारी वस्तुओं का आवागमन होता है। यह जलमार्ग विश्व का अत्यधिक प्रयोग में लाया जाने वाला जलमार्ग है।

● प्रतिवर्ष 20,000 से अधिक समुद्री जलयान तथा लगभग 2 लाख आंतरिक मालवाहक पोत वस्तुओं एवं सामग्रियों का आदान-प्रदान करते हैं।

● यह जलमार्ग स्विटजरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम तथा नीदरलैंड के औद्योगिक क्षेत्रों को उत्तरी अटलांटिक समुद्री मार्ग से जोड़ता है।

 

 

 

डेन्यूब जलमार्ग :

● यह महत्त्वपूर्ण आंतरिक जलमार्ग पूर्वी यूरोपीय भाग को अपनी सेवाएँ प्रदान करता है। डेन्यूब नदी ब्लैक फॉरेस्ट से निकलकर अनेक देशों से होती हुई पूर्व की ओर बहती है।

● मुख्य निर्यात किये जाने वाले पदार्थ गेहूँ, मक्का, इमारती लकड़ी तथा मशीनरी हैं।

 

 

 

वोल्गा जलमार्ग :

● रूस में अत्यधिक संख्या में विकसित जलमार्ग पाए जाते हैं। जिनमें से वोल्गा सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है।

● यह 11 200 कि.मी. तक नौकायान की सुविधा प्रदान करती है तथा कैस्पियन सागर में मिल जाती है

● वोल्गा-मास्को नहर इसको मास्को प्रदेश से तथा वोल्गा – डोन नहर काला सागर से जोड़ती है।

 

 

 

 मिसीसिपी जलमार्ग :

मिसीसिपी – उनोहियो जलमार्ग संयुक्त राज्य अमेरिका के आंतरिक भागों को दक्षिण में मैक्सिको की खाड़ी के साथ जोड़ता है। लंबे स्टीमर इस मार्ग के द्वारा मिनियापोलिस तक जा सकते हैं।

 

 

 

 

वायु परिवहन

● वायु परिवहन, परिवहन का तीव्रतम साधन है, परंतु यह अत्यंत महँगा भी है। तीव्रगामी होने के कारण लंबी दूरी की यात्रा के लिए यात्री इसे वरीयता देते हैं।

● वायु परिवहन ने संपर्क क्रांति ला दी है। पर्वतों, हिमक्षेत्रों अथवा विषम मरुस्थलीय भूभागों पर विजय प्राप्त कर ली गई है। गम्यता में वृद्धि हुई है।

● वर्तमान समय में विश्व में कोई भी स्थान 35 घंटे से अधिक की दूरी पर नहीं है।

● आज 250 से अधिक वाणिज्यिक एयरलाइनें विश्व के विभिन्न भागों में नियमित सेवाएँ प्रदान करती है

 

 

 

 

अंतर-महाद्वीपीय वायुमार्ग

● उत्तरी गोलार्द्ध में अंतर-महाद्वीपीय वायुमार्गों की एक सुस्पष्ट पूर्व-पश्चिम पट्टी है। पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और दक्षिण-पूर्वी एशिया में वायुमार्गों का सघन जाल पाया जाता है।

● विश्व के कुल वायुमार्गों के 60 प्रतिशत भाग का प्रयोग अकेला संयुक्त राज्य अमेरिका करता है।

● अफ्रीका, रूस के एशियाई भाग और दक्षिण अमेरिका में वायु सेवाओं का अभाव है।

 

 

 

 पाइपलाइन

● जल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे तरल एवं गैसीय पदार्थों के अबाधित प्रवाह और परिवहन के लिए पाइपलाइनों का व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।

● विश्व के अनेक भागों में रसोई गैस अथवा एल. पी. जी. की आपूर्ति पाइपलाइनों द्वारा की जाती है। पाइपलाइनों का प्रयोग तरलीकृत कोयले के परिवहन के लिए भी किया जाता है।

● संयुक्त राज्य अमेरिका में उत्पादक क्षेत्रों और उपभोग क्षेत्रों के बीच तेल पाइपलाईनों का सघन जाल पाया जाता है।

बिग इंच’ ऐसी ही एक प्रसिद्ध पाइपलाईन है जो मैक्सिको की खाड़ी में स्थित तेल के कुओं से उत्तर-पूर्वी राज्यों में तेल ले जाती है।

 

● यूरोप, रूस, पश्चिम एशिया और भारत में पाइपलाइनों का प्रयोग तेल के कुओं को तेल परिष्करणशालाओं और पत्तनों अथवा घरेलू बाजारों से जोड़ने के लिए किया जाता है।

 

 

 

 संचार :

● लंबी दूरियों के संचार हेतु मनुष्य ने अनेक विधियों का प्रयोग किया जिनमें से टेलीग्राफ और टेलीफोन महत्त्वपूर्ण थे ।

● आरंभिक और मध्य बीसवीं शताब्दी के दौरान अमेरिकी टेलीग्राफ और टेलीफ़ोन कंपनी का संयुक्त राज्य अमेरिका के टेलीफ़ोन उद्योग पर एकाधिकार था।

● आज भी टेलीफोन सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली विधा है। विकासशील देशों में उपग्रहों द्वारा संभव बनाया गया सेलफ़ोन का प्रयोग ग्रामीण संपर्क के लिए महत्त्वपूर्ण है।

● आज विकास अद्भुत गति से हो रहा है। पहला प्रमुख पारवेधन ऑप्टिक फाइबर तारों का प्रयोग है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करती कंपनियों ने पूरे विश्व में आप्टिक तारों को समाविष्ट करने के लिए अपनी ताँबे की तारों वाली प्रणालियों को उन्नत किया।

● 1990 के दशक में सूचनाओं के अंकीकरण के साथ दूरसंचार का धीरे-धीरे कंप्यूटर के साथ विलय हो गया। परिणामस्वरूप एक समन्वित नेटवर्क बना जिसे इंटरनेट के नाम से जाना जाता है

 

 

 

 उपग्रह संचार

● आज इंटरनेट पृथ्वी पर सबसे बड़े विद्युतीय जाल के रूप में 100 से अधिक देशों के लगभग 1000 करोड़ लोगों को जोड़ता है

● 1970 से जब से संयुक्त राज्य अमेरिका एवं पूर्व सोवियत संघ के द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी शोध किया गया है, तब से उपग्रह के माध्यम से होने वाले संचार ने, संचार तकनीकी के क्षेत्र में, एक नवीन युग का आरंभ किया है।

● इस तकनीक के प्रयोग द्वारा दूरी के संदर्भ में संचार में लगने वाले इकाई मूल्य एवं समय में होने वाली वृद्धि को नियंत्रित कर लिया गया है

 

 

भारत और उपग्रह

● उपग्रह विकास के क्षेत्र में भारत ने भी बड़े कदम उठाए हैं। आर्यभट्ट का 19 अप्रैल 1979 को भास्कर-1 का 1979 में तथा रोहिणी का प्रक्षेपण 1980 में हुआ। 18 जून 1981 को एप्पल (एरियन पैसेंजर पे लोड एक्सपेरीमेंट) का प्रक्षेपण एरियन रॉकेट के द्वारा हुआ। भास्कर, चैलेंजर तथा इंसेट 1-बी ने लंबी दूरी के संचार दूरदर्शन तथा रेडियो को अत्यधिक प्रभावी बना दिया है। आज दूरदर्शन के माध्यम से मौसम की भविष्यवाणी एक वरदान बन गई है।

 

 

 

साइबर स्पेस-इंटरनेट

● साइबर स्पेस विद्युत द्वारा कंप्यूटरीकृत स्पेस का संसार है। यह वर्ल्ड वाइड वेबसाइट जैसे इंटरनेट द्वारा आवृत हैं।

 

● सरल शब्दों में यह भेजने वाले और प्राप्त करने वाले के शारीरिक संचलन के बिना कंप्यूटर पर सूचनाओं के प्रेषण और प्राप्ति की विद्युतीय अंकीय दुनिया है। इसे इंटरनेट के नाम से भी जाना जाता है।

 

●  इंटरनेट प्रयोक्ता 1995 में 5 करोड़, 2000 में 40 करोड़ और 2010 में 200 करोड़ है। विगत कुछ वर्षों में वैश्विक प्रयोक्ताओं का संयुक्त राज्य अमेरिका से विकासशील देशों में स्थानांतरण हुआ है।

 

● करोड़ों लोग इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। साइबर स्पेस लोगों के समकालीन आर्थिक और सामाजिक स्पेस को ई. मेल, ई. साहित्य ई. शिक्षा और ई प्रशासन के माध्यम से विस्तृत करेगा। फैक्स, टेलीविजन और रेडियों के साथ इंटरनेट को जोड़ा जा रहा है।

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