समकालीन दक्षिण एशिया दक्षेश (सार्क) सफ्ता BIMSTEC उपमहाद्वीप पाकिस्तान में लोकतंत्र बांग्लादेश में लोकतंत्र नेपाल में राजतंत्र व लोकतंत्र श्रीलंका मालदीप भूटान
समकालीन दक्षिण एशिया :-
● दक्षिण एशिया की भौगोलिक स्थिति :-
● दक्षिण एशिया (आधुनिक भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और श्रीलंका ,अफ़गानिस्तान ) , चीन तथा म्यांमार आदि पड़ोसी देशों को दर्शाता है।
● नोट :- चीन को दक्षिण एशिया का देश नहीं माना जाता ।
● दक्षिण एशिया एक महाद्वीप से छोटा है, लेकिन विशालता तथा बाकी एशिया से समुद्रों, पहाड़ियों तथा पर्वतों से बँटे होने के कारण इसे प्रायः उपमहाद्वीप कहा जाता है।
● दक्षिण एशिया, एशिया महाद्वीप में स्थित है । इसके उत्तर में हिमालय पर्वत, दक्षिण में हिन्द महासागर, पश्चिम में अरब सागर तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी स्थित है ।
● भौगौलिक:- इन विभिन्नताओं की वजह से ही यह क्षेत्र में सांस्कृतिक और सामाजिक विभिन्नताओं से भरा पड़ा है।
● अब हम शीत युद्ध के दौर में विश्व के एक बड़े फ़लक पर हुए बदलावों से नज़र हटा कर अपना ध्यान अपने क्षेत्र यानी दक्षिण एशिया की ओर मोड़ें।
● इस अध्याय में हम दक्षिण एशिया के देशों के बीच मौजूद संघर्षों की प्रकृति और इन देशों के आपसी सहयोग को समझने की कोशिश करेंगे।
★ दक्षेश (सार्क) :- दक्षिण एशिया के देशो में सहयोग कायम करने के लिए दक्षेश को बनाया गया
● SAARC :- South Asian Association for Regional Corporation
● दक्षेश :- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन
● स्थापन :- 1985
● मुख्यालय :- काठमांडू (नेपाल)
● सदस्य:- भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्री लंका, मालदीव अफगानिस्तान (2007 में शामिल)
● उद्देश्य:-
● दक्षिण ऐसा में शांति और सहयोग कायम करना
● मुक्त व्यपार क्षेत्र बनाना
◆ सार्क का सिद्धांत :-
● संप्रभु समानता, क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता,अन्य
● राज्यों के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप एवं पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों का सम्मान करना।
● इस प्रकार का क्षेत्रीय सहयोग अन्य द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग का विकल्प न होकर उसका एक पूरक होगा।
● ऐसा क्षेत्रीय सहयोग अन्य द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय दायित्वों के साथ असंगत नहीं होगा।
● सार्क में आठ सदस्य देश शामिल हैं :-
(i) अफगानिस्तान (ii) बांग्लादेश (iii) भूटान (iv) भारत (v) मालदीव (vi) नेपाल (vii) पाकिस्तान (viii) श्रीलंका
● वर्तमान में सार्क के 9 पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं-
(i) ऑस्ट्रेलिया (ii) चीन (iii) यूरोपियन यूनियन (iv) ईरान (v) जापान (vi) रिपब्लिक ऑफ कोरिया (vii) मॉरीशस (viii) म्याँमार एवं (ix) संयुक्त राज्य अमेरिका।
★ दक्षेस SAARC के उद्देश्य :-
● आपसी सहयोग
● आर्थिक विकास करना ।
● आत्मनिर्भरता का विकास ।
● आपसी विवादों का निपटारा ।
● सांस्कृतिक एवं सामाजिक विकास करना
● आपसी विश्वास बढ़ाकर व्यापार को बढ़ावा देना
● दक्षिण एशिया के देशों में जनता के विकास एवं जीवन स्तर में सुधार लाना ।
★ सार्क संगठन के कार्य क्षेत्र :-
● मानव संसाधन विकास एवं पर्यटन
● कृषि एवं ग्रामीण विकास
● पर्यावरण, प्राकृतिक आपदा एवं बायो टेक्नोलॉजी
●आर्थिक, व्यापार एवं वित्त
● सामाजिक मुद्दे सूचना एवं गरीबी उन्मूलन
● उर्जा, परिवहन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
● शिक्षा, सुरक्षा एवं संस्कृति और अन्य
◆ सार्क की उपलब्धियाँ :-
● मुक्त व्यापार क्षेत्र: वैश्विक क्षेत्र में सार्क तुलनात्मक रूप से एक नया संगठन है।
● सार्क के सदस्य देशों ने एक मुक्त व्यापार क्षेत्र (Free Trade Area -FTA) स्थापित किया है जिसके परिणामस्वरूप उनके आंतरिक व्यापार में वृद्धि होगी तथा कुछ देशों के व्यापार अंतराल में तुलनात्मक रूप से कमी आएगी।
● SAPTA: साउथ एशिया प्रेफरेंशियल ट्रेडिंग एग्रीमेंट (South Asia Preferential Trading Agreement)
● वर्ष 1995 में सार्क के सदस्य देशों के मध्य व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिये किया गया था।
★ साफ्टा :-
● SAFTA – ( South Asian Free Trade Agreement )
●दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौता लागु हुआ 2006 में
★ उद्देश्य :-
●दक्षिण एशिया के देशों के आपसी व्यपार के बीच लगने वाला सीमा शुल्क कम करना।
● सफ्ता के द्वारा दक्षेस राज्यों के मध्य वस्तुओं का व्यापार बढ़ाने का निर्णय लिया ।
● यह समझौता किया गया की 5500 वस्तओं पर 10 से 20 प्रतिशत की कटौती होगी ।
●अन्य विकसित देशों के लिए विशेष विभेदक व्यवहार का प्रावधान किया गया ।
● स्तिथि यह भी असफल रहा क्योकि छोटे देश मानते है की इस समझौते के द्वारा भारत उनके बाज़ारो का फ़ायदा उठाना चाहता है ।
● नोट : भारत का नेपाल, भूटान और श्री लंका के साथ मुक्त व्यापार समझौता है।
★ बिम्सटेक ( BIMSTEC ) :-
● (Bay of Bengal Initiative for multi sectoral Technical and a Economic Cooperation )
● बंगाल की खाड़ी बहु – क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम इसके सदस्य देश, बांग्लादेश, भारत, बर्मा, श्रीलंका, थाईलैण्ड, भूटान और नेपाल है
● वर्तमान में भारत बिम्सटेक ( BIMSTEC ) पर अधिक बल दे रहा है, इसके वरिष्ठ अधिकारियों की 17 वीं बैठक फरवरी 2017 में काठ मांडू ( नेपाल ) में आयोजित की गई ।
● इस बैठक में व्यापार और निवेश, उर्जा प्रौद्योगिकी, मत्स्यपालन, जलवायु परिवर्तन, संस्कृति, लोगों के बीच संपर्क और अन्य क्षेत्रों के बारे में चर्चा की गई ।
★ सार्क के शिखर सम्मेलन
1.1985-(ढाका) बांग्लादेश
2. 1986 -(बेंगलूरू) भारत
3.1987 -(काठमांडू) नेपाल
4.1988 -(इस्लामाबाद) पाकिस्तान
5.1990 -(माले) मालदीव
6.1991-(कोलम्बो) श्रीलंका
7.1993 -(ढाका) बांग्लादेश
8.1995- (नई दिल्ली) भारत
9.1997 -(माले) मालदीव
10.1998 -(कोलम्बो) श्रीलंका
11.2002 -(काठमांडू) नेपाल
12.2004 -(इस्लामाबाद) पाकिस्तान
13.2005 -(ढाका) बांग्लादेश
14.2007 -(नई दिल्ली) भारत
15.2008 -(कोलम्बो) श्रीलंका
16.2010 -(थिम्फू) भूटान
17.2011 -(अडडू) मालदीव
18.2014 -(काठमांडू) नेपाल
19.2016 -(इस्लामाबाद) पाकिस्तान
★19 वां सार्क शिखर सम्मेलन :-
● 2016 को 19 वां सार्क शिखर सम्मेलन इस्लामाबाद, पाकिस्तान में आयोजन किया जाना तय था।
● कश्मीर में हुए आतंकवादी ‘ उरी हमले के विरोध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया ।
● बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, मालद्वीव और श्रीलंका ने भी सम्मेलन में भाग नहीं लिया ।
● 2005 में 13वें सार्क शिखर सम्मेलन ढाका में अफगानिस्तान को सार्क में शामिल करने पर सहमति बनी।
● 2007 के 14वें शिखर सम्मेलन (नई दिल्ली ) में अफगानिस्तान पहली बार सार्क शिखर सम्मेलन में शामिल हुआ ।
● वैश्वीकरण के दौर में हुए सार्क सम्मेलनों में जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबन्धन एवं आतंकवाद की समाप्ति संबंधी तथा
● इस क्षेत्र में व्यापार एवं विकास को बढ़ावा देने हेतु कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए है । हैं
● सार्क का 18वाँ शिखर सम्मेलन 2014 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में सम्पन्न हुआ जिसका विषय शांति एवं समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध एकजुटता था ।
★ सार्क का उद्देश्य :-
● दक्षिण एशिया की जनता की भलाई तथा उनके जीवन में सुधार करना।
● दक्षिण- एशियाई क्षेत्र में आर्थिक , सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देना ।
● दक्षिण एशिया के देशों के मध्य सामूहिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना एवं उसे मज़बूत करना।
● आपसी विश्वास में योगदान तथा विकासशील देशों के साथ परस्पर सहयोग बढ़ाना ।
● साझे हितों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों में आपसी सहयोग तथा एक समान उद्देश्यों तथा लक्ष्यों वाले अंतर्राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना
★ भारत के लिए महत्त्व :-
● पहले पड़ोसी:- देश के समीपवर्ती पड़ोसियों को प्रमुखता।
● क्षेत्रीय स्थिरता:- सार्क इन क्षेत्रों के बीच आपसी विश्वास एवं शांति स्थापना में सहयोग कर सकता है।
● वैश्विक नेतृत्व की भूमिका:- यह भारत को अतिरिक्त जिम्मेदारियां लेकर क्षेत्र में अपने नेतृत्व को प्रदर्शित करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।
● भू-रणनीतिक महत्त्व:- यह विकास प्रक्रिया एवं आर्थिक सहयोग में नेपाल, भूटान, मालदीव एवं श्रीलंका को आकर्षित करके चीन के वन बेल्ट एंड वन रोड कार्यक्रम का विरोध कर सकता है।
● भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिये एक गेम चेंजर:- दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं को दक्षिण पूर्व एशिया के साथ लिंक करके मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र में भारत के लिए आर्थिक एकीकरण एवं समृद्धि को आगे लाया जा सकता है।
★ दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों की राजनीतिक प्रणाली : –
● दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों में एक सी राजनीतिक प्रणाली नहीं है :-
1. भारत और श्रीलंका में आजादी के बाद से लोकतंत्र है
2.पाकिस्तान और बांग्लादेश में कभी लोकतंत्र और कभी सैन्य शासन रहा है।
3. नेपाल में 2006 तक संवैधानिक राजतंत्र था और बाद में लोकतंत्र की बहाली हुई है
4. भूटान में राजतंत्र है ।
5.मालदीव सन् 1968 तक सल्तनत हुआ करता था अब यहाँ लोकतंत्र है ।
★ पाकिस्तान :-
● सर्वप्रथम देश की बागडोर जनरल अयूब खान ने ली फिर जनरल याहिया खान फिर जनरल जिया उल हक और 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने जनता द्वारा निर्वाचित सरकार को हटाकर सैनिक शासन की स्थापना की।
● शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार कार्यरत रही। जून 2013 में नवाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना हुई ।
● परन्तु 2017 में उन्हें वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया तथा पद से हटाते हुए दस साल की सजा का आदेश दिया ।
● जुलाई 2018 में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में इमरान खान के नेतृत्व में लोकतांत्रिक सरकार का गठन हुआ ।
◆ पाकिस्तान में लोकतंत्र को कमजोर करने वाले कारण :-
● राजनीति में सेना का हस्तक्षेप ।
● विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप ।
● राजनीति में कट्टरपंथी धार्मिक नेताओं का दबदबा ।
● राजनीतिक दलों एवं नेताओं के संकीर्ण स्वार्थ इत्यादि
● यहाँ सेना, धर्मगुरु और भू – स्वामी अभिजनों का सामाजिक दबदबा है।
◆ भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद के मुद्दे :-
● कश्मीर विवाद :- कश्मीर हमेशा से भारत और पाकिस्तान के बीच में विवादित मुद्दा रहा है।
● नदी जल विवाद :- दोनों देशों में सिंधु नदी का जल विवाद प्रमुख है।
● आतंकवाद :- आतंकवाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक विवाद का मुख्य कारण है
● सियाचिन ग्लेशियर विवाद :- भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण तथा हथियारों की होड़ को लेकर भी तनातनी रहती है।
● भारत विरोधी गतिविधि :- पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI बांग्लादेश और नेपाल के गुप्त ठिकानों से पूर्वोत्तर भारत में, भारत विरोधी अभियानों में संलग्न होने पर विवाद।
● भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता
● सिंधु नदी जल समझौता 1960 :- विश्व बैंक द्वारा सिंधु नदी जल समझौता भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने दस्तखत किए
● ताशकंद समझौता 1966 :- भारत के प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच हुआ।
● शिमला समझौता 1972 :- भारत के प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार भुट्टो के बीच हुआ।
● लाहौर बस यात्रा 1999 :- भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बस-यात्रा पर लाहौर गए और शांति के लिए घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए।
★ बांग्लादेश में लोकतंत्र :–
● 1947 से 1971 तक बांग्लादेश पाकिस्तान का अंग था। 1947 से 1971 तक इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था ।
● जो दिसम्बर, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के पश्चात् एक स्वतन्त्र देश के रूप में अस्तित्व में आया।
●यह बंगाल और असम के हिस्सों को काटकर बनाया गया था। बांग्लादेश में बहुदलीय चुनावों पर आधारित प्रतिनिधि मूलक लोकतंत्र कायम है।
● स्वतन्त्रता के पश्चात् बांग्लादेश ने अपना संविधान बनाकर उसमें अपने को एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक एवं समाजवादी देश घोषित किया।
● बांग्लादेश में अगस्त 1975 में सैनिक शासन की स्थापना हो गयी। विभिन्न राजनैतिक घटनाक्रम के बाद सन् 1991 से बांग्लादेश में बहुदलीय चुनावों पर आधारित प्रतिनिधिमूलक लोकतन्त्र स्थापित है।
● न्यायोचित प्रतिनिधित्व की मांग उठाई :-
● पश्चिमी पाकिस्तान के प्रभुत्व के खिलाफ जन संघर्ष का नेतृत्व शेख मुजीब उर रहमान ने किया ।
● 1970 के चुनावों में शेख मुजीबुर रहमान की नेतृत्व वाली आवामी लीग को पूर्वी पाकिस्तान की सारी सीटों पर विजय मिली।
● आवामी लीग को संपूर्ण पाकिस्तान के लिए प्रस्तावित संविधान सभा में बहुमत हासिल हो गया।
● लेकिन सरकार पर पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं का दबदबा था और सरकार ने इस ने सभा को आहूत करने से इंकार कर दिया ।
● शेख मुजीब को गिरफ्तार कर लिया गया
●जनरल याहिया खान के सैनिक शासन में पाकिस्तानी सेना ने बंगाली जनता के आंदोलन को कुचलने की कोशिश की ।
● हजारों लोग पाकिस्तानी सेना के हाथों मारे गए ।
● पूर्वी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग भारत पलायन कर गए।
● भारत के सामने शरणार्थियों को संभालने की समस्या आन खड़ी हुई ।
● भारत की सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान के लोगों की आजादी की मांग का समर्थन किया और उन्हें वित्तीय और सैन्य सहायता दी ।
● परिणाम स्वरूप 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया ।
● युद्ध की समाप्ति पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना के आत्मसर्पण तथा एक स्वतंत्र राष्ट्र बांग्लादेश के निर्माण के साथ हुई
● बांग्लादेश ने अपना संविधान बना कर उसमें अपने को एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक तथा समाजवादी देश घोषित किया ।
● बांग्लादेश भारत ;-
● बांग्लादेश भारत की ‘पूरब चलो ‘ की नीति का एक हिस्सा है।
● आपदा प्रबंधन और पर्यावरण के मसले पर दोनों देशों ने निरंतर सहयोग किया है।
● बांग्लादेश और भारत के बीच गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी के जल में हिस्सेदारी के मुद्देपर मतभेद है ।
◆ भारत और बंगलादेश के बीच सम्बन्ध :-
◆ सकारात्मक (सहमति) :-
● पिछले 10 वर्षों में अधिक संबंध मजबूत हुए हैं
● बांग्लादेश भारत की पूर्व चलो की नीति का हिस्सा है
● आपदा प्रबंधन और पर्यावरण के मामले पर दोनों देश सहयोग कर रहे हैं।
● व्यापार बढ़ रहा है ।
◆नकारात्मक (विवाद ) :-
● गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी के जल में हिस्सेदारी को लेकर मतभेद
● भारत में अवैध अप्रवास जिसका बांग्लादेश खंडन करता है।
● भारत विरोधी कट्टरपंथ आतंकवाद को बांग्लादेश की जमीन से फैलना ।
● सेना को पूर्वोत्तर की तरफ जाने के लिए रास्ता नहीं देना।
● म्यांमार को बांग्लादेश इलाके से होकर भारत की प्राकृतिक गैस निर्यात ना करने देना ।
★ नेपाल में राजतंत्र व लोकतंत्र :-
● नेपाल अतीत में एक हिन्दू राज्य था। आधुनिक काल में 1990 तक यहाँ संवैधानिक राजतन्त्र रहा।
● परन्तु आम जनता तथा नेपाल की राजनीतिक पार्टियों ने सन् 1990 में लोकतांत्रिक संविधान की माँग की
● सन् 1990 में नेपाल के अनेक भागों में माओवादी राजतंत्र सत्ताधारी के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह होने लगे ।
● सन् 2001 से 2005 तक नेपाल में माओवादियों द्वारा खूनी गृहयुद्ध जारी था ।
● 2002 में राजा ने संसद को भंग करके लोकतांत्रिक शासन समाप्त कर दिया
● इसी कारण सन् 2005 में राजा ज्ञानेंद्र द्वारा दोबारा पूर्ण राजशाही कर दी गई, जिससे सन् 2006 में दोबारा अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण पुरानी संसद बहाल हुई ।
● 2006 में नेपाल में देशव्यापी लोकतन्त्र समर्थक प्रदर्शन हुए। अहिंसक रहे इस आन्दोलन का नेतृत्व सात दलों के गठबन्धन, माओवादी एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया।
●2008 में पुनः नेपाल में लोकतन्त्र की स्थापना हुई तथा सन् 2015 में नेपाल ने नया संविधान अपनाया।
◆ नेपाल में लोकतंत्र की बहाली में तीन महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए:-
● एक संसद ने राजा ज्ञानेंद्र के सारे अधिकार छीन लिए,
● दूसरा संसद सर्वोच्च होगी,
● तीसरा माओवादियों ने अंतरिम सरकार में शामिल होने का फैसला किया।
● सन् 2006 में गिरिजा प्रसाद कोइराला प्रधानमंत्री बने माओवादी समूहों ने सशस्त्र संघर्ष को छोड़कर शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं ।
● 2008 में नेपाल राजतंत्र को खत्म करने के बाद लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया ।
● वर्ष 2014 में 11 फरवरी, सन् 2014 को सुशील कोइराला ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और वर्तमान में राष्ट्रपति विद्या देवी भण्डारी हैं
● 2015 में नेपाल ने नया संविधान अपनाया ।
●नोट :- अब नेपाल में लोकतंत्र है ।
◆ भारत और नेपाल के मध्य मन मुटाव के मुद्दे : –
● नेपाल की चीन के साथ मित्रता को लेकर भारत ने समय – समय पर अपनी अप्रसन्नता प्रकट की है ।
● नेपाल सरकार भारत विरोधी तत्वों के विरुद्ध आवश्यक कदम नहीं उठाती है। इससे भी भारत अप्रसन्न है ।
● चारों तरफ स्थल भाग से घिरे हुए नेपाल को यह लगता है कि भारत उसको अपने भू – क्षेत्रों से होकर समुद्र तक पहुँचने से रोकता है।
● नेपाल के लोगों का यह सोचना है कि भारत की सरकार नेपाल के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है ।और उसके नदी जल एवं पनबिजली पर आँख गड़ाये हुए हैं ।
◆ भारत और नेपाल संबंध :-
● भारत और नेपाल के बीच मधुर संबंध हैं और दोनों देशों के बीच एक संधि हुई है।
● इस संधि के तहत दोनों देशों के नागरिक एक- दूसरे के देश में बिना पासपोर्ट और वीजा के आ जा सकते हैं ।
● नेपाल में लोकतन्त्र की बहाली से दोनों देशों के बीच संबंधों के और मजबूत होने की उम्मीद बंधी है ।
● भारत – नेपाल के संबंध एकदम मजबूत और शांतिपूर्ण है दोनों देश व्यापार, वैज्ञानिक सहयोग, साझे प्राकृतिक संसाधन, बिजली उत्पादन और जल प्रबंधन ग्रिड के मसले पर एक साथ हैं।
★ श्रीलंका :-
● श्रीलंका : श्रीलंका 1948 में स्वतंत्र राष्ट्र बना।
● श्रीलंका के पुराना नाम सीलोन था।
● श्रीलंका में सिंहली की जनसंख्या 74 फ़ीसदी है।
● श्रीलंका में तमिलों की जनसंख्या में 18 फीसदी है।
● तमिलों की संख्या में 13% श्रीलंकाई मूल के तमिल और 5% हिंदुस्तानी तमिल है।
● श्रीलंका की आबादी में ईसाई लोगों का हिस्सा 7 फीसदी है।
● श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद :- श्रीलंका में सिंहली समुदाय के नेताओं ने अपनी बहुसंख्या के बल पर शासन पर प्रभुत्व जमाना चाहा।
1. राजभाषा :- 1956 में एक कानून बनाया गया जिसके तहत तमिल को दरकिनार करके सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित कर दिया गया।
2. बौद्ध धर्म :- सिंहली के बौद्ध धर्म संरक्षण मिला। तमिलों की अनदेखी की गयी।
3. प्राथमिकता :- विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता देने की नीति भी चली।
4. अधिकार :- राजनीतिक पाटियाँ उनकी भाषा और संस्कृति को लेकर असंवेदनशील हैं।
5. नीतियाँ :- संविधान और सरकार की नीतियाँ उन्हें समान राजनीतिक अधिकारों से वंचित कर रही हैं।
● गृहयुद्ध :- दो समुदायों के बीच अविश्वास, सिंहली और तमिल संघर्ष में बदल गया । शिक्षा हासिल करने में एक आधिकारिक भाषा के रूप में तमिल को मान्यता देने, क्षेत्रीय स्वायत्तता और अवसर की समानता के लिए संघर्ष । गृहयुद्ध 1983 से 2009 तक चला
● श्रीलंकाई तमिल :- तमिलों ने अपनी राजनीतिक पतियाँ बनाई और तमिल को राजभाषा बनाने, क्षेत्रीय स्वायतता हासिल करने तथा शिक्षा और रोजगार में समान अवसरों की माँग को लेकर संघर्ष किया।
● 1980 श्रीलंका में स्वतंत्र तमिल ईलम (सरकार) बनाने की माँग को . लेकर अनेक राजनीतिक संगठन बने।
● श्रीलंका की स्वतन्त्रता के बाद बहुसंख्यक सिंहलियों ने धर्म और भाषा के आधार पर एक नए राज्य के निर्माण के प्रयास शुरू कर दिए जिसका स्वाभाविक रूप से तमिलों ने विरोध किया।
●श्रीलंका सरकार ने सिंहलियों के लिए नौकरियों तथा शिक्षण संस्थाओं आदि सुविधाओं की व्यवस्था की जबकि तमिलों को इससे वंचित रखा।
● सरकार की तमिलों के प्रति भेदभाव तथा उपेक्षा की नीति ने तमिलों को संगठित किया।
● 1983 में तमिल उग्रवादियों ने तमिल लिबरेशन टाइगर्स नामक संगठन बनाया ।
● इस संगठन ने हिंसात्मक कार्यवाहियाँ प्रारम्भ कर दी और सरकार से सीधे संघर्ष की ठान ली । धीरे – धीरे श्रीलंका में जातीय संघर्ष तेज होने लगा और विस्फोटक तथा व्यापक हत्याएँ की जाने लगी।
● मई 2009 में श्रीलंकाई सेना द्वारा लिट्टे (LTTE ) प्रमुख प्रभाकरन के मारे जाने के पश्चात श्री लंका में वर्षों से चले आ रहे गृह युद्ध की समाप्ति हुई ।
● भारत द्वारा श्रीलंका में शांति सेना भेजने का उद्देश्य :-
● श्रीलंका की समस्या भारतवंशी तमिल लोगों से जुड़ी है। भारत की तमिल जनता का भारतीय सरकार पर दबाव था कि वह श्रीलंकाई तमिलों के हितों की रक्षा करें।
● भारत की सरकार ने श्रीलंका से एक समझौता किया तथा श्रीलंका सरकार और तमिलों के बीच रिश्ते सामान्य करने के लिए भारतीय सेना को भेजा ।
● भारतीय सेना की उपस्थिति को श्रीलंका की जनता ने पसंद नहीं किया । उन्होने समझा कि भारत श्रीलंका के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाजी कर रहा है। 1989 में भारत ने अपनी शांति सेना लक्ष्य हासिल किए बिना वापस बुला ली।
● श्रीलंका की आर्थिक स्थिति :-
● गृहयुद्ध होने के बावजूद भी श्री लंका ने बहुत तेज़ गति से विकास किया।
● श्री लंका जनसख्या नियंत्रण के मामले में सबसे सफल रहा ।
● दक्षिण एशिया में सभी देशों में से श्री लंका ने सबसे पहले अपनी अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया ।
★ मालदीव :-
● 1965 तक मालदीव ब्रिटिश सरकार के आधीन रहा था।
● 1965 में मालदीव को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली और राजा मुहम्मद फरीद दीदी के आधीन यह एक सल्तनत बन गया।
●1968 में यह एक गणतंत्र बना और शासन की अध्यक्षात्मक प्रणाली अपनाई गई ।
●2005 के जून में मालदीव की संसद ने बहुदलीय प्रणाली को अपनाने के पक्ष में एक मत से मतदान दिया।
● मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी ( एमडीपी) का देश के राजनीतिक मामलों में प्रभुत्व है।
● 2005 के चुनावों के बाद मालदीव में लोकतंत्र मजबूत हुआ है क्योंकि इस चुनाव में विपक्षी दलों को कानूनी मान्यता दे दी गई ।
● भारत ने मालदीव के आर्थिक विकास, पर्यटन एवं मत्स्य उद्योग में बहुत अधिक सहायता की है।
★ भूटान :-
● भूटान हिमालय स्थित एक पर्वतीय देश है स्वतंत्रता से पूर्व भूटान और अंग्रेजों का नियंत्रण था।
● 2007 में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नसगयाल वांगचुक भारत की यात्रा पर आए
● 2013 में 64 वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि भूटान के नरेश बने ।
● 2017 भारत- भूटानके बीच नया व्यापार , वाणिज्य तथा पारगमन समझौता हुआ।
● भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 भूटान की यात्रा की जहाँ 10 MOCU पर हस्ताक्षर किए ।
● वर्ष 2020 में भारत ने COVID से उतपन्न परिस्थियों में भूटान को भरपूर मदद की ।
● सांस्कृतिक ,राजनीतिक , आर्थिक , क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया है ।
● भारत के भूटान के साथ भी बहुत अच्छे रिश्ते हैं भूटान सरकार के साथ कोई बड़ा झगड़ा नहीं है।
● दोनों देशों के बीच सैन्य बल , धन बल। आतंकवाद के क्षेत्र में सहयोग शुरू किया है ।
● जल विधुत परियोजनाएँ
1. भारत के सहयोग से भूटान में ‘पन बिजली’ की बड़ी परियोजनाएं संचालित हैं।
2. भारत भूटान में पनबिजली की बड़ी परियोजनाओं में हाथ बंटा रहा है।
● दक्षिण एशिया :-
● आधुनिक भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और श्रीलंका ,अफ़गानिस्तान ) , चीन तथा म्यांमार आदि पड़ोसी देशों को दर्शाता है।
● नोट :- चीन को दक्षिण एशिया का देश नहीं माना जाता ।
● दक्षिण एशिया एक महाद्वीप से छोटा है, लेकिन विशालता तथा बाकी एशिया से समुद्रों, पहाड़ियों तथा पर्वतों से बँटे होने के कारण इसे प्रायः उपमहाद्वीप कहा जाता है।
● दक्षिण एशिया, एशिया महाद्वीप में स्थित है । इसके उत्तर में हिमालय पर्वत, दक्षिण में हिन्द महासागर, पश्चिम में अरब सागर तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी स्थित है ।
शानदार नोट्स है । आपका हार्दिक आभार
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