मानव विकास सूचकांक एवं भारत UNDP HDI Indian Report 2023

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मानव विकास सूचकांक एवं भारत

 

 

★ हाल ही में UNDP (United Nation Development Programme) द्वारा मानव विकास सूचकांक (Human Development Index, HDI) 2022 की रिपोर्ट जारी की गई.

 

★ विकास से अभिप्राय

● व्यापकतम अर्थ में विकास उन्नति, प्रगति, कल्याण और बेहतर जीवन की अभिलाषा के विचारों का वाहक है। इसमे आर्थिक उन्नति के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि को भी शामिल किया जाता है।

● ‘विकास‘ शब्द अपने व्यापकतम अर्थ में उन्नति, प्रगति, कल्याण और बेहतर जीवन की अभिलाषा के विचारों का वाहक है। कोई समाज विकास के बारे में अपनी समझ के द्वारा यह स्पष्ट करता है कि समाज के लिए समग्र रूप से उसकी दृष्टि क्या है और उसे प्राप्त करने का बेहतर तरीका क्या है?

● हालांकि, विकास शब्द का प्रयोग प्राय: आर्थिक विकास की दर में वृद्धि और समाज का आधुनिकीकरण जैसे संकीर्ण अर्थों में भी होता रहता है। दुर्भाग्य से विकास को आमतौर पर पहले से निर्धारित लक्ष्यों या बाँध, उद्योग,अस्पताल जैसी परियोजनाओं को पूरा करने से जोड़कर देखा जाता है।

●  विकास का काम समाज के व्यापक नज़रिए के अनुसार नहीं होता है। इस प्रक्रिया में समाज के कुछ हिस्से लाभान्वित होते है जबकि बाकी लोगों को अपने घर, जमीन, जीवन शैली को बिना किसी भरपाई के खोना पड़ सकता है।

● संकुचित रूप में इसका प्रयोग प्रायः आर्थिक विकास की दर में वृद्धि और समाज का आधुनिकीरण के संदर्भ में किया जाता है।

 

◆ विकास की दृष्टि से विश्व के भाग विकास की दृष्टि से विश्व को तीन श्रेणियों में बांटा जाता है।

● विकसित देश

● विकासशील देश

● अल्प विकसित देश

 

 

 

 ● विकास :- समाज में उन्नति, प्रगति, कल्पना और अच्छे जीवन की अभिलाषा से सम्बन्धित होने वाले सकारात्मक परिवर्तनों की प्रक्रिया को विकास कहते हैं।

 

● विकास परियोजनाएँ :- ऐसे कार्यक्रम जिनके द्वारा दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है, विकास परियोजनाएँ कहलाती हैं। इनमें आर्थिक प्रगति के विभिन्न कार्यक्रम सम्मिलित होते हैं।

 

● आर्थिक विकास :- वह स्थिति जिसके अन्तर्गत आर्थिक क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आयें, आर्थिक विकास कहलाती है।

 

● औद्योगीकरण :- वह प्रक्रिया जिसके अन्तर्गत उद्योगों के विकास के लिए उपयुक्त स्थितियाँ उत्पन्न करते हुए कारखानों, सयंत्रों आदि की स्थापना पर बल दिया जाता है, औद्योगीकरण कहलाती है।

 

● आधुनिकीकरण :- वह स्थिति, प्रक्रिया एवं धारणा जिसमें जीवन एवं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में नए-नए परिवर्तन आते हैं, आधुनिकीकरण कहलाती है। इस प्रक्रिया में रूढ़िवाद, पक्षपात आदि का कोई स्थान नहीं होता।

 

● विकासशील देश – वह देश जो अपनी आर्थिक-सामाजिक उन्नति के लिए तीव्र गति से प्रयास कर रहे हैं तथा नागरिकों को बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति एवं देश में आधारभूत संरचनाओं के विकास को तत्पर हैं,विकासशील देश कहलाते हैं। जैसे-भारत इत्यादि।

 

 

★पहली दुनिया :-

• पूंजीवादी खेमे के देशों को पहली दुनिया कहते हैं।

• इस खेमे के नेता संयुक्त राज्य अमेरिका था।

• इसमें शामिल देशों की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को मार्शल प्लान के तर्ज पर ढाला गया।

 

दूसरी दुनिया :-

• समाजवादी खेमे के देशों को दूसरी दुनिया कहते हैं।

• इस खेमे के नेता समाजवादी सोवियत गणराज्य था।

• इसमें शामिल देशो की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को सोवियत प्रणाली की तर्ज पर ढाला गया।

 

तीसरी दुनिया :-

• गुटनिरपेक्ष और तटस्थ देशों को तीसरी दुनिया कहते हैं।

• एशिया , अफ्रीका , लैटिन अमेरिका आदि ।

• आर्थिक रूप से गरीब और गैर-औद्योगिक थे, यह विकासशील देशों को तीसरी दुनिया का देश कहा जाता है

 

★नव अंतरष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था :- 1972 में (U.N.O) के व्यापार और विकास में संबंधित सम्मेलन (UNCTAD) द्वारा रिपोर्ट

1. अल्प विकसित देशों का अपने प्राकृतिक संसाधन पर अधिकारों होगा।

2. यह देश अपने इन संसाधनों का इस्तेमाल अपने तरीके से कर सकते हैं।

3. अल्प विकसित देशों की पहुंच पश्चिमी देशों के बाजार तक होगी यह देश अपना सामान पश्चिमी देश में बेच सकेंगे।

4. पश्चिमी देश से मंगाई जा रही टेक्नोलॉजी प्रौद्योगिकी लागत कम होगी।

5. अल्प विकसित देशों की भूमिका अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संस्थानों में उनकी भूमिका बढ़ाई जाएगी।

 

 ★ सतत विकास :-

● ऐसे विकास से है, जो हमारी भावी पीढ़ियों की अपनी ज़रूरतें पूरी करने की योग्यता को प्रभावित किये बिना वर्तमान समय की आवश्यकताएँ पूरी करे। सतत विकास लक्ष्यों का उद्देश्य सबके लिये समान, न्यायसंगत, सुरक्षित, शांतिपूर्ण, समृद्ध और रहने योग्य विश्व का निर्माण करना और विकास के तीनों पहलुओं, अर्थात सामाजिक समावेश, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को व्यापक रूप से समाविष्ट करना है।

 

★ मानव विकास सूचकांक एवं भारत :-

● सूचकांक किसी देश या समाज की प्रगति का मूल्यांकन करने का एक महत्त्वपूर्ण माध्यम होते हैं। ये सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक विकास के गणित को निर्धारित मानकों के आधार पर अंको में प्रदर्शित करते हैं। सूचकांक प्रगति को मापने के लिए तुलनात्मक अवसर भी प्रदान करते हैं।

● मानव विकास सूचकांक संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी किया जाता है। यह सूचकांक 1990 से जारी किया जा रहा है। इस वर्ष यह सूचकांक इसलिए चर्चित है क्योंकि इस सूचकांक में पिछले 32 वर्षों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गयी है

● 2021 के लिए 191 देशों का मानव विकास सूचकांक जारी किया गया है। मानव विकास सूचकांक के 3 मानक हैं- शिक्षा, स्वास्थ्य और आय तथा मानव विकास। सूचकांक की गणना 4 संकेतकों- जन्म के समय जीवन प्रत्याशा, स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय द्वारा की जाती है।

● भारत में स्कूली शिक्षा का अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष और स्कूली शिक्षा का औसत वर्ष 6.7 साल है। नीति आयोग के स्कूली शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक (School Education Quality Index) रैंकिंग के अनुसार, देश भर में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में भारी अंतर पाया गया है।

● यूएनडीपी के प्रशासक अचिम स्टेनर ने प्रकाशित रिपोर्ट में स्पष्ट कहा कि, ‘‘संकट-दर-संकट से उबरने के लिए दुनिया हाथ पांव मार रही है। अनिश्चितता से भरी इस दुनिया में, हमें आम चुनौतियों से निपटने के लिए परस्पर वैश्विक एकजुटता की एक नयी भावना की आवश्यकता है।

 

 

★ हाल ही में UNDP (United Nation Development Programme) द्वारा मानव विकास सूचकांक (Human Development Index, HDI) 2022 की रिपोर्ट जारी की गई.

● मानव विकास सूचकांक UNDP (United Nation Development Programme) द्वारा नापा जाता है. UNDP का headquarter न्यूयॉर्क में है. इसकी स्थापना 1965 को हुई थी.

1. स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के सूचक को निश्चित करने के लिए जन्म के समय जीवन-प्रत्याशा को चुना गया है. जितनी उच्च जीवन-प्रत्याशा होगी, उतनी ही अधिक विकास का सूचकांक (HDI) होगा.

2. शिक्षा
यहाँ पर शिक्षा का अभिप्राय प्रौढ़ साक्षरता दर तथा सकल नामांकन अनुपात से है. इसका अर्थ यह है कि पढ़ और लिख सकने वाले वयस्कों की संख्या तथा विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या अधिक होने से सूचकांक (index) में वृद्धि होती है.

3. संसाधनों तक पहुँचसंसाधनों तक पहुँच को क्रय शक्ति/purchasing power (अमेरिकी डॉलर में) के सन्दर्भ में मापा जाता है. जन्म के समय जीवन प्रत्याशा: 25 वर्ष और 85 वर्ष

4.सामान्य साक्षरता दर: 0 प्रतिशत और 100 प्रतिशत

प्रतिव्यक्ति वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (PPP)
$100 अमेरिकी डॉलर और $40, 000 अमेरिकी डॉलर. इनमें से प्रत्येक आयाम को 1/3 भारिता (weights) दी जाती है.
 

 

★ भारत का प्रदर्शन

● मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) 2021 में भारत 191 देशों में से 132वें स्थान पर है (पिछले वर्ष से दो स्थान की गिरावट दर्ज की गई)।

● यह तीन दशकों में पहली बार लगातार दो वर्षों में अपने स्कोर में गिरावट को दर्शाता है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2020 में, भारत 0.642 के एचडीआई मूल्य के साथ 130वें स्थान पर था।

● COVID-19 के प्रकोप से पहले, 2018 में भारत का HDI मान 0.645 था।

● एचडीआई स्कोर में यह गिरावट वैश्विक प्रवृत्ति के अनुरूप है जो दर्शाता है कि देश COVID-19 महामारी के प्रकोप के बाद से मानव विकास में पिछड़ गए हैं।

 

● 2021 में भारत में एचडीआई में गिरावट को जन्म के समय जीवन प्रत्याशा में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है,

जो 70.7 वर्ष से घटकर 67.2 वर्ष हो गया है।

●भारत में स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष है, और

● स्कूली शिक्षा का औसत वर्ष 6.7 वर्ष है।

● GNI प्रति व्यक्ति स्तर $6,590 है।

● COVID-19 महामारी ने लैंगिक असमानता को भी बढ़ा दिया है, जिसमें वैश्विक स्तर पर 6.7% की वृद्धि हुई है।

 

मानव विकास सूचकांक एवं भारत UNDP HDI Indian Report 2023

 

 

 

 

 

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