अध्याय 7 : तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

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तृतीयक क्रियाकलाप :

सेवा सेक्टर से संबंधित हैं। जनशक्ति सेवा सेक्टर का एक महत्त्वपूर्ण कारक है क्योंकि अधिकांश तृतीयक क्रियाकलापों है का निष्पादन कुशल श्रमिक व्यावसायिक दृष्टि से प्रशिक्षित विशेषज्ञ और परामर्शदाताओं द्वारा होता है

 

आर्थिक विकास को आरंभिक अवस्थाओं में लोगों का एक बड़ा अनुपात प्राथमिक सेक्टर में कार्य करता था। एक विकसित अर्थव्यवस्था में बहुसंख्यक श्रमिक तृतीयक क्रियाकलापों में रोजगार पाते हैं और अपेक्षाकृत कम संख्या में द्वितीयक सेक्टर में कार्यरत होते हैं।

 

तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं। उत्पादन में सेवाओं को उपलब्धता शामिल होती है जिनका उपभोग किया जाता है।

 

तृतीयक क्रियाकलापों में मूर्त वस्तुओं के उत्पादन के बजाय सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन सम्मिलित होता है। वे भौतिक कच्चे माल के प्रक्रमण में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होती एक नलसाज, बिजली मिस्त्री, तकनीशियन, धोबी, नाई, दुकानदार, चालक, कोषपाल, अध्यापक, डॉक्टर, वकील और प्रकाशक इत्यादि का काम इनका सामान्य उदाहरण हैं

 

 

 द्वितीयक और तृतीयक क्रियाकलापों में मुख्य अंतर :

 

यह है कि सेवाओं द्वारा उपलब्ध विशेषज्ञता उत्पादन तकनीकों मशीनरी और फैक्ट्री प्रक्रियाओं की अपेक्षा कर्मियों की विशिष्टीकृत कुशलताओं, अनुभव और ज्ञान पर अत्यधिक निर्भर करती है।

 

 

तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार:

 

व्यापार परिवहन, संचार और सेवाएँ कुछ तृतीयक क्रियाकलाप हैं ।

 

 

व्यापार और वाणिज्य :

 

व्यापार : अन्यन्त्र उत्पादित मदों का क्रम और विक्रय व्यापार कहलाता है।

 

व्यापारिक केंद्र : फुटकर और थोक व्यापार अथवा वाणिज्य की सभी सेवाओं का विशिष्ट उद्देश्य लाभ कमाना है। यह सारा काम कस्बो और नगरों में होता है जिन्हें व्यापारिक केंद्र कहा जाता है व्यापारिक केंद्रों को ग्रामीण और नगरीय विपणन केंद्रों में विभक्त किया जा सकता है।

 

 

ग्रामीण विपणन केंद्र :

● निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं। ये अर्थ नगरीय केंद्र होते हैं।

● ये अत्यंत अल्पबंधित प्रकार के व्यापारिक केंद्रों के रूप में सेवा करते हैं। यहाँ व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होती।

● ये स्थानीय संग्रहण और वितरण केंद्र होते हैं। इनमें से अधिकांश कद्रों में मांडयाँ , थोक बाजार और फुटकर व्यापार क्षेत्र भी होते हैं।

● ये स्वयं में नगरीय केंद्र नहीं है किंतु ग्रामीण लोगों की अधिक मांग वाली वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्ध कराने वाले महत्त्वपूर्ण केंद्र है।

 

 

ग्रामीण क्षेत्रों में आवधिक बाजार :

● ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ नियमित बाज़ार नहीं होते विभिन्न कालिक अंतरालों पर स्थानीय आधिक बातार लगाए जाते हैं।

● ये साप्ताहिक. पाक्षिक बातार होते हैं जहाँ परिणामी क्षेत्रों से लोग आकर समय-समय पर अपनी आवश्यक उरूरतों को पूरा करते हैं।

● ये बाजार निश्चित तिथि दिन पर लगते हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान पर लगते रहते हैं। दुकानदार इस प्रकार सभी दिन व्यस्त रहते हैं

 

 

नगरीय बाजार केंद्रों :

● यह अधिक विशिष्टीकृत । नगरीय सेवाएँ मिलती हैं। इनमें न केवल साधारण वस्तुएँ और सेवाएं बल्कि लोगों द्वारा वांछित अनेक विशिष्ट वस्तुएँ व सेवाएँ भी उपलब्ध होती है।

● यह विशिष्टीकृत बाजार भी प्रस्तुत करते हैं जैसे अम बाजार, आवासन अर्थ-निर्मित एवं निर्मित उत्पादों का बाज़ार

● इनमें शैक्षिक संस्थाओं और व्यावसायिकों की सेवाएँ जैसे- अध्यापक, वकील, परामर्शदाता, चिकित्सक दाँतों का डॉक्टर और पशु चिकित्सक आदि उपलब्ध होते हैं

 

 

 फुटकर व्यापार :

● ये वह व्यापारिक क्रियाकलाप हैं जो उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से संबंधित है।

● अधिकांश फुटकर व्यापार केवल विक्रय से नियत प्रतिष्ठानों और महारों में संपन्न होता है।

● फेरी रेहड़ी ट्रक द्वार से द्वार डाक आदेश दूरभाष स्वचालित विक्री मशीनें तथा इंटरनेट फुटकर बिक्री के भंडार रहित उदाहरण है।

 

 

 थोक व्यापार :

● थोक व्यापार का गठन अनेक बिचौलिए सौदागर और पूतिरों द्वारा होता है न कि फुटकर भंडारों द्वारा

● श्रृंखला भंडारों सहित कुछ बड़े भंडार विनिर्माताओं से सीधी खरीद करते हैं।

● थोक विक्रेता प्रायः फुटकर भंडारों को उधार देते हैं, यहाँ तक कि फुटकर विक्रेता अधिकतर थोक विक्रेता की पूंजी पर ही अपने कार्य का संचालन करते हैं।

 

 

 

परिवहन :

परिवहन एक ऐसी सेवा अथवा सुविधा है जिससे व्यक्तियों, विनिर्मित माल तथा संपत्ति को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर से जाया जाता है।

 

आधुनिक समाज वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग में सहायता देने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन व्यवस्था चाहते हैं। परिवहन द्वारा पदार्थ का मूल्य अत्यधिक बढ़ जाता है। परिवहन के साधन के चयन में समय अथवा लागत के संदर्भ में एक निर्णायक कारक है।

 

 

 परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक :

 

माँग : परिवहन की माँग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है।जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन को माँग उतनी ही अधिक होगी 

मुद्रा : नगरों, कस्बा, गाँवा, औद्यागिक केंद्रों और कच्चे माल, उनके मध्य व्यापार के प्रारूप उनके मध्य भू-दृश्य की प्रकृति जलवायु के प्रकार और मार्ग की लंबाई पर आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए उपलब्ध निधियों (मुद्रा) पर मार्ग निर्भर करते हैं।

 

 

 

संचार

संचार सेवाओं में शब्दों और संदेशों तथ्यों और विचारों का प्रेषण सम्मिलित है। जहाँ परिवहन जाल क्षेत्र सक्षम होता है वहाँ संचार का फैलाव सरल होता है। मोबाइल दूरभाष और उपग्रहों जैसे कुछ विकासों ने संचार को परिवहन से मुक्त कर दिया है।

 

 

 दूरसंचार

दूरसंचार का प्रयोग विद्युतीय प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है। संदेशों के भेजे जाने को गति के कारण इसने संचार में क्रांति ला दी है। किसी भी समय कहाँ से भी संचार को प्रत्यक्ष और तत्काल बना दिया है

 

जनसंचार माध्यम : रेडियो और दूरदर्शन भी समाचारों व दूरभाष कालों का पूरे विश्व में विस्तृत श्रोताओं को प्रसारण करते हैं और इसलिए इन्हें जनसंचार माध्यम कहा जाता है। उपग्रह संचार पृथ्वी और अंतरिक्ष से सूचना का प्रसारण करता है। इंटरनेट ने वैश्विक संचार तंत्र में वास्तव में क्रांति ला दी है।

 

 

सेवाएँ :

सेवाएँ विभिन्न स्तरों पर पाई जाती हैं। कुछ सेवाएँ उद्योगों को चलाती हैं. कुछ लोगों को और कुछ उद्योगों और लोगों दोनों को उदाहरणत: परिवहन तंत्र निम्नस्तरीय सेवाएँ जैस पंसारी की दुकानें धोबीघाट उच्चस्तरीय सेवाओं अथवा लेखाकार, परामर्शदाता और काय चिकित्सक जैसी अधिक विशिष्टीकृत सेवाओं की अपेक्षा अधिक सामान्य और विस्तृत हैं

● अनेक सेवाएँ अनियमित हो गई है। महाभाग एवं सेतुओं का निर्माण और अनुरक्षण अग्निशमन विभागा का अनुरक्षण और शिक्षा की पूर्ति अथवा पर्यवेक्षण और ग्राहक – सेवा महत्त्वपूर्ण सेवाओं में से हैं, स्वास्थ्य की देखभाल अभियांत्रिकी,तिथि और प्रबंधन व्यावसायिक सेवाएं है।

 

● मनोरंजनात्मक और प्रमोद सेवाओं को स्थिति बाजार पर निर्भर करती है। मल्टीप्लेक्स और रेस्तराओं को स्थिति केंद्रीय व्यापार क्षेत्र (सी.बी.डी.) के अंदर अथवा निकट हो सकती है

● दैनिक जीवन में काम को सुविधाजनक बनाने के लिए लोगों को व्यक्तिगत सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। कामगार रोजगार की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से प्रवास करते हैं और अकुशल होते हैं।

● मोची, गृहपाल, खानसामा और माली जैसी घरेलू सेवाओं के लिए नियुक्त किए जाते हैं और इन्हें कम भुगतान किया जाता है। कर्मियों का यह वर्ग असंगठित है ऐसा एक उदाहरण मुंबई की डब्बावाला सेवा है

 

 

 

 तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न लोग :

आज अधिकांश लोग सेवाकर्मी है। अधिक विकसित देशों में कर्मियों का अधिकतर प्रतिशत इन सेवाओं में लगा है, जबकि अल्पविकसित देशों में 10 प्रतिशत से भी कम लोग इस सेवा क्षेत्र में लगे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में 75 प्रतिशत से अधिक कर्मी सेवाओं में संलग्न है।

 

 

कुछ चयनित उदाहरण :

 

पर्यटन : पर्यटन एक यात्रा है जो व्यापार की बजाय प्रमोद के उद्देश्यों के लिए की जाती है।

● कुल पंजीकृत रोजगारों तथा कुल राजस्व (सकल घरेलू उत्पाद का 40 प्रतिशत) की दृष्टि से यह विश्व का अकेला सबसे बड़ा (25 करोड़) तृतीयक क्रियाकलाप बन गया है।

 

● इनके अतिरिक्त पर्यटकों के आवास, भोजन, परिवहन, मनोरंजन तथा विशेष दुकानों जैसी सेवा उपलब्ध कराने के लिए अनेक स्थानीय व्यक्तियों को नियुक्त किया जाता है।

● कुछ प्रदेशों में लिए अनुकूल हिमावरणा पर्यटन अनिष्ठ होता है क्योंकि अवकाश की अवधि अनुकूल मौसमी दशाओं पर निर्भर करती है,

 

 

 

 पर्यटक प्रदेश :

भूमध्यसागरीय तट के चारों ओर कोण स्थान तथा भारत का पश्चिमी तट विश्व के लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य स्थानों में से है।

अन्य में शीतकालीन खेल प्रदेश, जो मुख्यतः पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं, मनोहारी दृश्यभूमियाँ तथा यत्र-तत्र फैले राष्ट्रीय उद्यान सम्मिलित हैं।

 

 

 पर्यटन आकर्षण

 

जलवायु : ठंडे प्रदेशों के अधिकांश लोग पुलिन विश्राम के लिए ऊष्ण व धूपदार मौसम को अपेक्षा करते हैं। दक्षिणों यूरोप और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में पर्यटन के महत्त्व का यह एक मुख्य कारण है। भूमध्यसागरीय जलवायु में लगभग सता ऊँचा तापमान धूप की लंबी अवधि और निम्न वर्षा की दशाएँ होती है।

 

भू-दृश्य : कई लोग आकर्षित करने वाले पर्यावरण में अवकाश बिताना पसंद करते है, जिसका प्रायः अर्थ होता है पर्वत, दर्शनीय समुद्री तट और मनुष्य द्वारा पूर्ण रूप से अपरिवर्तित भू-दृश्य

 

 इतिहास एवं कला : किसी क्षेत्र के इतिहास और कला मैं संभावित आकर्षण होता है। लोग प्राचीन और सुंदर नगरों, पुरातत्व के स्थानों पर जाते हैं और किलों, महलों और गिरिजाघरों को देखकर आनंद उठाते हैं।

 

 

संस्कृति और अर्थव्यवस्था :

मानवजातीय और स्थानीय रोतियों को पसंद करने वालों को पर्यटन भाता है। कोई प्रदेश पर्यटकों की जरूरतों को सस्ते दाम में पूरा करता है तो वह अत्यंत लोकप्रिय हो जाता है।

 

 

भारत में समुद्रपार रोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ

2005 ई. में संयुक्त राज्य अमेरिका से उपचार के लिए 55000 रोगी भारत आए संयुक्त राज्य स्वास्थ्य सेवा तंत्र के अंतर्गत प्रतिवर्ष होने वाले लाखों शल्यकमों की तुलना में यह संख्या बहुत कम है। भारत विश्व में चिकित्सा पर्यटन में अग्रणी देश बन कर उभरा है। महानगरों में अवस्थित विश्वस्तरीय अस्पताल संपूर्ण विश्व के रोगियों का उपचार करते हैं। भारत थाईलैंड, सिंगापुर और मलेशिया जैसे विकासशील देशों को चिकित्सा पर्यटन से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।

 

 

चिकित्सा पर्यटन

जब चिकित्सा उपचार को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से संबद्ध कर दिया जाता है इसे चिकित्सा पर्यटन कहा जाता है।

 

 

 

चतुर्थक क्रियाकलापों

चतुर्थक क्रियाकलापों से तात्पर्य उन उच्च बौद्धिक व्यवसायों से है जिनका दायित्व चिन्तन, शोध और विकास के लिए नए विचार देना है। इन क्रियाकलापों की विशेषताएँ हैं

 

1. ये उच्च बौधिक व्यवसायों से सम्बन्धित हैं।

2. ये शिक्षा, सूचना, शोध तथा विकास की सेवाओं का एक भिन्न वर्ग हैं।

3. चतुर्थक क्रियाकलाप का दायित्व चिन्तन, शोध और विकास के लिए नए विचार देना है।

चतुर्थक क्रियाकलापों में लगे लोगों का एक विशिष्ट वर्ग है जिसका लक्षण उच्च वेतनमान और पदोन्नति के अवसरों के साथ साथ बहुत अधिक गतिमान होना है।

 

 

 

पंचम क्रियाकलाप

पंचम क्रियाकलाप वह आर्थिक क्रियाकलापों का अति विशिष्ट वर्ग है। इसमें सार्वजनिक और निजी उद्योग में उच्चस्तरीय निर्णय लेने वाले प्रबंधक, प्रशासक, शोधकर्ता और वैज्ञानिक वित्तीय व कानूनी सलाहकार शामिल हैं। इन्हें उच्च वेतन दिया जाता है। इनके कार्य को ‘स्वर्णकालर’ आदि कहा जाता है। ये महानगरों को अतिविशिष्ट क्षेत्रों, अत्यंत सुसज्जित कार्यालयों और घरों में कार्य करते और रहते हैं।

 

उच्चतम स्तर के निर्णय लेने तथा नीतियों का निर्माण करने वाले पंचम क्रियाकलापों को निभाते है। इनमें और जान आधारित उद्योगों, जो सामान्यतः चतुर्थ सेक्टर से जुड़ी होती है, में सूक्ष्म अंतर होता है।

 

 

 बाह्यस्रोतन :

बाह्यस्रोतन अथवा ठेका देना दक्षता को सुधारने और लागतों को घटाने के लिए किसी बाहरी अभिकरण को काम सौंपना है।

● जब बाह्यस्त्रोतन में कार्य समुद्रपार के स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाता है तो इसको अपतरन ( आफशोरिंग) कहा जाता है

● जिन व्यापारिक क्रियाकलापों को बाह्यस्त्रोतन किया जाता है उनमें सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता और काल सेंटर सेवाएँ और कई बार विनिर्माण तथा अभियांत्रिकी भी सम्मिलित की जाती हैं।

● आँकड़ा प्रक्रमण सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित एक सेवा है जिसे आसानी से एशियाई, पूर्वी यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में क्रियान्वित किया जा सकता है।

 

●  हैदराबाद अथवा मनीला में स्थापित एक कंपनी भौगोलिक सूचनाको पर आधारित परियोजना पर संयुक्त राज्य अमेरिका अथवा जापान जैसे देशों के लिए काम करती है।

 

 

 

अंकीय विभाजक :

सूचना और संचार तकनीक जो विकास पर आधारित हैं विश्व में असमान रूप से विभाजित हैं राष्ट्रों में राजनैतिक आर्थिक तथा सामाजिक विभिन्नतायें हैं। वे अपने नागरिकों को सूचना संचार तकनीक किस प्रकार प्रदान कर सकते हैं। विकसित देश इस कार्य में आगे हैं जबकि विकासशील देश अभी पीछे हैं। इसे डिजिटल विभाजक कहा जाता है।

 

 

 

 

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