Spread the loveउद्योगों के प्रकार स्वामित्व के आधार पर उद्योग (i) सार्वजनिक सेक्टर : सार्वजनिक सेक्टर उद्योग सरकार द्वारा नियंत्रित कंपनियाँ या निगम हैं जो सरकार द्वारा निधि प्रदत्त होते हैं। सार्वजनिक सेक्टर में सामान्यतः सामरिक और राष्ट्रीय महत्व Read More …
Category: NCERT NOTES
अध्याय 12 : भौगोलिक परिपेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ
Spread the loveपर्यावरण प्रदूषण :- पर्यावरण प्रदूषण मानव गतिविधियों के अपशिष्ट उत्पादों से पदार्थों और ऊर्जा की रिहाई है । यह विभिन्न प्रकार का होता है । इस प्रकार , उन्हें मध्यम के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जिसके Read More …
अध्याय 5 : भू संसाधन तथा कृषि
Spread the loveभू – उपयोग वर्गीकरण :- भूराजस्व विभाग भू – उपयोग संबंधी अभिलेख रखता है । भू – उपयोग संवर्गों का योग कुल प्रतिवेदन ( रिपोर्टिंग ) क्षेत्र के बराबर होता है जो कि भौगोलिक क्षेत्र से भिन्न Read More …
अध्याय 1 : जनसंख्या वितरण ,घनत्व ,वृद्धि और संघटन
Spread the love जनसंख्या वितरण :- जनसंख्या के वितरण का अर्थ है कि किसी भी क्षेत्र में जनसंख्या कैसे वितरित की जाती है । भारत में , जनसंख्या वितरण का स्थानिक पैटर्न बहुत आसमान है । चूंकि कुछ क्षेत्र बहुत Read More …
अध्याय : 2 भारतीय अर्थव्यवस्था 1950-1990 / Indian Economy 1950-1990
Spread the love पंचवर्षीय योजनाओं के लक्ष्य कृषि सेवा औद्योगिक क्षेत्र आधुनिकीकरण आत्मनिर्भर समानता कृषि भू-सुधार हरित क्रांति उधोग और व्यापार सार्वजनिक और निजी क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था 1950-1990 परिचय :- इस अध्याय में हम यह जानेंगे कि भारतीय Read More …
अध्याय 15 : पृथ्वी पर जीवन
Spread the love पर्यावरण के तीन मुख्य परिमंडल स्थलमंडल, जलमंडल वायुमंडल जैवमंडल : ● पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवधारी, जो मिलकर जैवमंडल (Biosphere) बनाते हैं ये पर्यावरण – के दूसरे मंडलों के साथ पारस्परिक क्रिया करते हैं। Read More …
अध्याय 10 : वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ
Spread the loveवायुमंडलीय दाब ● माध्य समुद्रतल से वायुमंडल की अंतिम सीमा तक एक इकाई क्षेत्रफल के वायु स्तंभ के भार को वायुमंडलीय दाब कहते हैं। ● वायुदाब को मापने की इकाई मिलीबार है। ● समुद्र तल पर औसत Read More …
अध्याय 7 : भू-आकृतियां तथा उनका विकास
Spread the loveभू – आकृतियाँ :- पृथ्वी के धरातल के निर्माण में अपरदन के कारकों का बहुत बड़ा योगदान होता है । अपरदन के इन कारकों में नदियाँ पवनें, हिमानी तथा लहरें आदि आते हैं । ये भूतल की Read More …
अध्याय 1: स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय अर्थव्यवस्था / Indian Economy on the Eve of Independence
Spread the love स्वतंत्रता के समय भारतीय अर्थव्यवस्था औपनिवेक शासन के अंतर्गत निम्न स्तरीय आर्थिक विकास कृषि क्षेत्राक औद्योगिक क्षेत्राक विदेशी व्यापार ब्रिटिश उपनिवेश काल से पूर्व भारत की अर्थव्यवस्था ” सोने की चिड़िया’ के रूप में जानी जाती थी Read More …
अध्याय 1 : भूगोल एक विषय के रूप में
Spread the loveभूगोल क्या है? अत्यंत सरल शब्दों में यह कहा जा सकता है कि भूगोल पृथ्वी का वर्णन है। इरेटोस्थनीज 276 ईसापूर्व से 195-194 ईसा पूर्व को भूगोल का पिता कहा जाता है । इरेटोस्थनीज यूनान के Read More …